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Know Which Test Should Be Done To Ensure That The Child Is Not Born Retarded

Quad Screen Test : गर्भावस्था के दौरान हर मां को अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर चिंता रहती है. कि बच्चा स्वस्थ और सही सलामत पैदा होगा, यह डर सभी सभी मां को लगा रहता है.  गर्भावस्था के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से कई बदलाव आते हैं. बच्चे का स्वस्थ जन्म सुनिश्चित करने के लिए इस दौरान कई प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं. इन टेस्ट से बच्चे में किसी भी तरह की समस्या का पहले से पता चल जाता है जिससे सही समय पर इलाड शुरू किया जा सकता है. आइए जानते हैं कौन सा टेस्ट है.

जानें कौन सा टेस्ट किया जाता है 
क्वाड स्क्रीन टेस्ट गर्भावस्था के दौरान कराया जाने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रीनेटल स्क्रीनिंग टेस्ट है. यह टेस्ट गर्भस्थ शिशु में डाउन सिंड्रोम, एडवर्ड सिंड्रोम और पेटाल सिंड्रोम जैसी जेनेटिक बीमारियों के लक्षणों का पता लगाने के लिए किया जाता है. इस टेस्ट में गर्भवती महिला के ब्लड का नमूना लिया जाता है और उसकी जांच की जाती है. क्वाड स्क्रीन टेस्ट का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं में 4 प्रकार के संक्रमणों की जांच करना है – एडीनोवायरस, इन्फ्लूएंजा वायरस, रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (RSV) और माइकोप्लाज्मा.

जानें कैसे किया जाता है
यह टेस्ट आमतौर पर गर्भावस्था के पहले ट्राइमेस्टर में कराया जाता है.यानी यह टेस्ट गर्भावस्था के 10-13 हफ्तों के बीच में कराया जाता है. इससे गर्भस्थ शिशु में किसी भी तरह के जेनेटिक विकार का समय रहते पता लगाया जा सकता है, जिससे समय पर इलाज शुरू किया जा सके. इस प्रकार, क्वाड स्क्रीन टेस्ट गर्भावस्था में करवाना बेहद जरूरी हो जाता है. 

जानें खर्च 
निजी अस्पतालों में टेस्ट की कीमत अधिक होती है, सरकारी अस्पतालों में कम लगता है. टेस्ट की गुणवत्ता और उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर भी कीमतें अलग होती हैं. क्वाड स्क्रीन टेस्ट की कीमत आमतौर पर 2500 रुपए से लेकर 4000 रुपए तक के बीच में होती है. 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 

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