Urban Unemployment Falls In June Quarter And Now Centre May Have Boosted Jobs
Urban Unemployment: भारत के शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली है. नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेरोजगारी दर शहरी क्षेत्रों में गिरकर अप्रैल और जून के दौरान 6.6 फीसदी हो चुका है, जो वित्त वर्ष 2023 के चौथे तिमाही में 6.8 फीसदी थी. वहीं पिछले वित्त वर्ष के अप्रैल-जून तिमाही के दौरान बेरोजगारी दर 7.6 फीसदी थी.
सर्वे के मुताबिक, कोविड महामारी के दौरान शहरी बेरोजगारी दर 7.8 फीसदी से 9.7 फीसदी थी. वहीं जारी किया गया लेटेस्ट डाटा, कोविड से पहले वित्त वर्ष 2018 के दौरान सबसे कम है और यह सर्वे 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के नागरिकों से संबंधित है.
आंकड़ों से पता चलता है कि तिमाही के दौरान पुरुष बेरोजगारी दर जनवरी मार्च के दौरान 6 फीसदी से घटकर 5.9 फीसदी हो गई और महिला बेरोजगारी दर 9.2 फीसदी से घटकर 9.1 हो चुकी है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा कि केंद्र की ओर से पूंजीगत व्यय से राज्यों को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में मदद मिली है, जिससे शहरी भारत में रोजगार के अवसरों में तेजी आई है.
केंद्र ने मौजूदा वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय 10.01 ट्रिलियन रुपये आंका है, जो वित्त वर्ष 2023 में वास्तविक व्यय से 36 फीसदी ज्यादा है. अप्रैल अगस्त में केंद्र का पूंजीगत व्यय 3.74 ट्रिलियन रुपये था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 48 फीसदी अधिक था.
17 बड़े राज्यों का संयुक्त पूंजीगत व्यय मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में साल दर साल 45 फीसदी बढ़कर करीब 1.67 ट्रिलियन रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 1.15 ट्रिलियन रुपये था.
फाइनेंशियल ईयर 2023 के लिए शहरी बेरोजगारी दर 3.2 फीसदी थी, जो वित्त वर्ष 2018 के बाद से सबसे कम है. महिला बेरोजगारी दर 2.9 फीसदी थी और पुरुष बेरोजगारी दर 3.3 फीसदी थी. दोनों वित्त वर्ष 2018 के बाद सबसे कम है.
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