GST Council Decided To Reduce Tax Rates On Certain Millet Products Will Make Multigrain Flour And Bread Cheaper
आपने ग्रॉसरी के लिए सामान खरीदते हुए स्टोर में मल्टीग्रेन आटा और मल्टीग्रेन ब्रेड जैसे प्रोडक्ट को जरूर देखा होगा. ये प्रोडक्ट हालिया समय में काफी लोकप्रिय हुए हैं. लोग जैसे-जैसे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं, ऐसे प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ रही है. हालांकि मल्टीग्रेन आटा या ब्रेड सामान्य आटा-ब्रेड की तुलना में महंगे होते हैं, इस कारण कई बार लोग पसंद होने पर भी उन्हें नहीं खरीदते हैं.
अब इनको होगा बड़ा फायदा
अगर आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि पसंद होने के बाद भी मल्टीग्रेन आटा या ब्रेड को आपने नहीं खरीदा हो, या आप लगातार इनका ही इस्तेमाल करने लग गए हों, आने वाले दिनों में आपको बड़ी राहत मिलने वाली है. राहत ये कि अब आपको पहले की तुलना में कम दाम चुकाने होंगे. दरअसल जीएसटी काउंसिल ने मिलेट यानी मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए टैक्स की दरें कम करने का फैसला लिया है.
मनाया जा रहा है मोटे अनाजों का साल
जीएसटी काउंसिल का यह फैसला केंद्र सरकार के विजन के अनुरूप है, जो मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए केंद्र सरकार ने 2023 को मिलेट ईयर यानी मोटे अनाजों के साल के रूप में मनाने का फैसला किया है. इस उपलक्ष्य में लगातार कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.
काउंसिल की 52वीं बैठक में फैसला
जीएसटी काउंसिल किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस पर जीएसटी की स्लैब व दर के बारे में फैसला लेने वाली शीर्ष इकाई है. कल शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक हुई. बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काउंसिल के फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने मोटे अनाजों से बनने वाले विभिन्न उत्पादों पर टैक्स की दरें कम करने का फैसला लिया है.
वित्त मंत्री ने दी ये जानकारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने मिलेट (GST on Millet) यानी मोटे अनाजों पर भी टैक्स करने के बारे में विचार किया. वित्त मंत्री ने कहा कि अगर किसी प्रोडक्ट के कंपोजिशन में 70 फीसदी मोटे अनाजों का इस्तेमाल होता है तो ऐसे मामलों में कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि टैक्स से यह छूट तभी मिलेगी, जब वजन के हिसाब से मोटे अनाजों का कंपोजिशन कम से कम 70 फीसदी होगा और प्रोडक्ट बिना ब्रांडिंग के होंगे. ब्रांडेड प्रोडक्ट की स्थिति में 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. अभी तक ब्रांडेड और प्री-पैकेज्ड प्रोडक्ट के मामले में 18 फीसदी टैक्स लग रहा था.
पहले लग रहा था इतना टैक्स
इसका मतलब हुआ कि कोई भी मल्टीग्रेन आटा हो सा मल्टीग्रेन ब्रेड, जिसमें इस्तेमाल हुए मोटे अनाजों का अनुपात 70 फीसदी से ज्यादा हुआ तो अब उनके भाव में कमी तय है. पहले जहां उन्हें 1 फीसदी के हिसाब से टैक्स देना पड़ रहा था, वहीं अब उन्हें ब्रांडेड के मामले में 5 फीसदी और नॉन ब्रांडेड के मामले में शून्य फीसदी टैक्स लगेगा.
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