Cabinet Approved Tenancy Act For Union Territories Know All Abouts You Need
Tenancy Act: किरायेदारी कानून को केंद्र सरकार की ओर से देश के राज्यों के लिए लागू किया गया था. अब कैबिनेट की ओर से केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी इसकी मंजूरी मिल चुकी है, जिसका मतलब है कि किराये का कानून अब केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी लागू होगा. अगर आप किराये पर घर लेने जा रहे हैं तो इसके बारे में जान लेना चाहिए.
केंद्र सरकार की ओर से अंडमान और निकोबार आइलैंड, लक्ष्यद्वीप, दादरा और नागर हवेली और दमन-दिउ के लिए किरायेदारी कानून का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे मंजूरी दी गई है. सरकार ने 4 अक्टूबर को अपने एक बयान में कहा कि इस कानून को आर्टिकल 240 के तहत रखा गया है और केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रपति को इसे लागू करने का अधिकार है.
निवेश और कारोबार को मिलेगा बढ़ावा
सरकार ने अपने बयान में कहा कि यह नियम इन जगहों पर किराये के बाजार में एक निवेश और कारोबार को बढ़ावा देंगे. साथ ही आवास को भी बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा गुणवत्तापूर्ण किराये के आवास और किराये के आवास बाजार को धीरे-धीरे औपचारिक बनाने में मदद मिलेगी. इसमें कहा गया है कि किराये के आवास बाजार को औपचारिक बनाने में मदद मिलेगी.
दूसरी ओर यह भी कहा गया है कि किराये कानून से मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हितों और अधिकारों को संतुलित करके केंद्र शासित प्रदेशों में परिसर को किराये पर देने के लिए एक जवाबदेह और पारदर्शी फ्रेमवर्क तैयार होगा.
क्या होता है किरायेदारी कानून?
मॉडल किरायेदारी अधिनियम भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया है. किरायेदारी कानून का मुख्य उद्देश्य भारत में किराये की जमीनों और विभिन्न प्रकार की संपत्तियों के लिए नए किरायेदारी के नियम और कानूनों को स्थापित करना है. साथ ही किरायेदार और मालिकों के बीच संबंध और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करना है. इसे अभी तक चार राज्यों असम, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश द्वारा अपनाया गया है.
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