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क्या बच्चों की हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही स्कूल ड्रेस? स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे

School Uniform Effects On Kids: स्कूल वो जगह है जहां बच्चे पढ़ाई लिखाई के साथ साथ फिजिकल एक्टिविटीज में हिस्सा लेकर अपना भविष्य बनाते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि स्कूलों में बच्चों का फिजिकल एक्टिविटीज में कमी आई है. बच्चों का अलग होता लाइफस्टाइल, मोबाइल स्क्रीन का बढ़ता समय और एजुकेशन का प्रेशर इसकी वजह माने जा सकते हैं. लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म भी उनकी फिजिकल एक्टिविटीज कम होने की वजह बन रही है. चलिए जानते हैं इस स्टडी में क्या कहा गया है. 

 

स्टडी में कही गई है ये बात

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की कराई गई एक स्टडी में कहा गया है कि स्कूल यूनिफॉर्म की पॉलिसी ने स्कूलों को छात्रों खासकर प्राइमरी स्कूल की छात्राओं को फिजिकल एक्टिविटी में भाग लेने से रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है. इस स्टडी में विश्व भर के  5 से 17 साल के दस लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के फिजिकल एक्टिविटीज के डाटा को यूज किया गया. इस स्टडी से पता चला कि जिन स्कूलों में अध्ययन से पता चला कि जिन देशों में ज्यादातर स्कूलों में वर्दी यूनिफॉर्म जरूरी है वहां वहां विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ (WHO) के जरिए जरूरी बताई गई एक घंटे की डेली फिजिकल एक्टिविटी को को बहुत कम छात्र पूरा कर पाते हैं. 

 

स्कर्ट में हो सकती है फिजिकल एक्टिविटीज की परेशानी 

स्टडी में कहा गया है कि जिन देशों में ये पॉलिसी नहीं थी वहां लड़कियों की तुलना में लड़के एक घंटे की फिजिकल एक्टिविटीज पूरा नहीं कर पाते हैं. हालांकि, प्राइमरी स्कूल के स्टूडेंट्स में लड़कियों और लड़कों के बीच इस फिजिकल एक्टिविटी में अंतर वहां अधिक था जहां स्कूल यूनिफॉर्म मेंडेटरी थी. इस संबंध में स्टडी करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि छोटे स्टूडेंट्स बड़े स्टूडेंट्स की तुलना में पूरा दिन कैजुअल एक्टिविटीज करते रहते हैं. जैसे लंच के दौरान भागना दौड़ना और बाकी फिजिकल एक्टिविटीज के लिए अधिक एक्टिव रहना. ऐसे में लड़कियां शॉर्ट स्कर्ट या ज्यादा खुली ड्रेस पहनने के बाद इस तरह की कैजुअल और एक्टिव फिजिकल एक्टिविटीज में भाग लेने से बचती हैं क्योंकि इन कपड़ों में वो दौड़ना भागना असहज महसूस करती है. 

 

क्या कहता है WHO

डब्लूएचओ का भी यही कहना है कि स्कूलों में फिजिकल एक्टिविटीज की गाइडलाइन्स को पूरा करने में लड़कियां लड़कों की तुलना में पीछे हैं और इसका एक कारण इस स्टडी में कही गई बात हो सकती है.हालांकि शोधकर्ता इसे लेकर दावा नहीं करते लेकिन उनका कहना है कि स्कूल यूनिफॉर्म लड़कियों की फिजिकल एक्टिविटीज पर असर कर सकती है. ऐसे में शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि स्कूलों की कम्यूनिटीज स्कूल यूनिफॉर्म के डिजाइन को कुछ चेंज कर सकते हैं जिससे स्पेशल यूनिफॉर्म के जरिए लड़कियों को स्कूल में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटीज के लिए प्रोत्साहित कर सके.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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