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This Helpline Will Give Pension Related Every Question And Health And Social Welfare Schemes

सरकारी ​कर्मचारी दिल्ली के रामलीला मैदान में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. कर्मचारी नई पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन का लाभ लेना चाहते हैं, जबकि पुरानी पेंशन योजना 2004 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों तक को ही ​दी जा रही है. ऐसे में आपके मन में भी पेंशन योजनाओं को लेकर कई सवालों के जवाब होंगे. 

वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से एक खास पहल शुरू की गई है. सरकार की ओर से हेल्पलाइन ‘एल्डरलाइन’ पेंशन संबंधी सभी चिंताओं को दूर कर सकता है. इतना ही नहीं सीनियर सिटीजन सामाजिक कल्याण योजनाओं के बारे में जानकारी और देखभाल केंद्र व मेडिकल को खोजने में भी मदद करता है. 

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल इस ‘एल्डरलाइन’ पर वरिष्ठ नागरिकों की ओर से उठाए गए टॉप सवालों में पेंशन से संबंधित चिंताएं, सामाजिक कल्याण योजनाओं की जानकारी और मेडिकल संबंधी सर्च सबसे ज्यादा थे.

इस नंबर पर ले सकते हैं जानकारी 

सरकार की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. टोल-फ्री नंबर 14567 पर कॉल करके आप पेंशन और योजनाओं संबंधी जानकारी ले सकते हैं. प्राइवेट से लेकर सरकारी कर्मचारी भी पेंशन संबंधी शिकायत को दूर कर सकते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, इस साल इस नंबर पर 87,218 कॉल आई हैं. 

31 राज्यों में संचालित है ये हेल्पलाइन 

आंकड़ों के अनुसार, हेल्पलाइन वर्तमान में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित की जा रही है. हेल्पलाइन पर पेंशन संबंधी समस्याओं से जुड़ी सूचना और सामाजिक कल्याण योजनाओं, देखभाल केंद्रों, अस्पतालों और चिकित्सकों के बारे में जानकारी समेत कई मुद्दों के बारे में जानकारी दी जाती है. 

8 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश से इतनी आई कॉल

वहीं दूसरी ओर ‘हेल्पएज इंडिया’ उन गैर-सरकारी संगठनों में से एक है, जिसने मंत्रालय को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, पंजाब, आंध्र प्रदेश, गुजरात जम्मू कश्मीर और लद्दाख में जनवरी 2023 से सितंबर 2023 तक हेल्पलाइन संचालित करने में मदद की. उसे हेल्पलाइन पर कुल 13,086 कॉल आईं. 

किन चीजों की सबसे ज्यादा मांग 

आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 21 प्रतिशत कॉल में सीनियर सिटीजन ने वृद्धाश्रम, देखभाल केंद्रों, अस्पतालों, चिकित्सकों और देखभाल सुविधा देने वालों के बारे में जानकारी मांगी. वहीं 33 प्रतिशत कॉल में कानूनी मुद्दों, सामाजिक सुरक्षा, पेंशन और भरण-पोषण अधिनियम के संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया. 

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