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Umpires Call Role In DRS Review Nasser Hussain Old Video Viral IND Vs ENG

Nasser Hussain On Umpire’s Call: राजकोट टेस्ट के बाद से अंपायर्स कॉल को लेकर चर्चा बढ़ी है. राजकोट टेस्ट में रिव्यू के दौरान अंपार्यस कॉल की निर्णायक भूमिका के चलते कुछ फैसले इंग्लैंड के खिलाफ गए थे. इसी को लेकर स्टोक्स एंड कंपनी रिव्यू के दौरान अंपायर्स कॉल के खिलाफ नजर आ रही है. राजकोट टेस्ट के बाद बेन स्टोक्स ने अंपायर्स कॉल के खिलाफ बयान भी दिया था. इन सब के बीच अब इंग्लैंड के ही एक पूर्व कप्तान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अंपायर्स कॉल को बेहद जरूरी बताते नजर आ रहे हैं. भारतीय फैंस अब इस वीडियो को खूब शेयर कर रहे हैं.

दरअसल, 2021 में भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के दौरान विराट कोहली ने उसी तरह अंपायर्स कॉल पर सवाल उठाए थे, जैसे वर्तमान में बेन स्टोक्स उठा रहे हैं. तब अंपायर्स कॉल से हुए कुछ फैसले टीम इंडिया के खिलाफ गए थे. तब एक मैच एनालिसिस में नासिर हुसैन अंपायर्स कॉल की महत्वपूर्ण भूमिका समझाते नजर आए थे. वह विराट कोहली को पाठ पढ़ाते भी नजर आए थे. अब जब इंग्लैंड की टीम अंपायर्स कॉल के खिलाफ नजर आ रही है तो भारतीय फैंस उन्हें उनके पूर्व कप्तान का वीडियो शेयर कर जवाब दे रहे हैं.

क्या है अंपायर्स कॉल?
अंपायर्स कॉल को डीआरएस का एक हिस्सा माना जा सकता है. जब बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने वाली टीम मैदानी अंपायर के फैसले से खुश नहीं होती है तो वो फैसले के खिलाफ रिव्यू लेती है. ऐसी स्थिति में कई बार यह होता है कि रिव्यू में खिलाड़ी बीच की स्थिति में होता है, यानी उसे आउट भी कहा जा सकता है और नॉट आउट भी. ऐसी स्थिति में अंपायर का ओरिजिनल फैसला अहम भूमिका निभाता है. यानी मैदानी अंपायर ने अगर आउट का फैसला दिया तो बल्लेबाज आउट और अगर नॉट आउट का फैसला दिया तो बल्लेबाज नॉट ऑउट रहता है.

एलबीडब्ल्यू के उदाहरण से समझे तो जब कोई टीम रिव्यू लेती है तो थर्ड अंपायर रीप्ले और बॉल ट्रैकिंग के जरिए नतीजे तक पहुंचने की कोशिश करते हैं. अगर रिव्यू में गेंद विकेट पर टच हो रही है और मैदानी अंपायर ने पहले से ही बल्लेबाज को आउट दे रखा है तो बल्लेबाज को आउट माना जाएगा. लेकिन अगर मैदानी अंपायर ने नॉट आउट का फैसला दिया है तब रिव्यू में केवल गेंद के विकेट पर टकराने से बल्लेबाज को आउट नहीं माना जाएगा, ऐसी स्थिति में गेंद का 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा विकेट पर टकराना चाहिए, तभी बल्लेबाज आउट माना जाएगा.

क्या है पूरा माजरा?
स्टोक्स के बयानों से जाहिर हुआ कि अगर डीआरएस के दौरान एक सी प्रोसेस अपनाई जानी चाहिए, ऐसे में फिर भले ही मैदानी अंपायर का फैसल उलटना पड़े. यानी वह अंपायर्स कॉल के खिलाफ नजर आए. स्टोक्स और कोच मैक्कुलम ने राजकोट टेस्ट के बाद इस बारे में मैच रेफरी से भी देर तक बातचीत की थी.

दरअसल, मैच की दूसरी पारी में बुमराह की गेंद क्राउली के पैड से टकराई थी. बुमराह की अपील पर अंपायर कुमार धर्मसेना ने क्राउली को आउट करार दिया था. क्राउली ने रिव्यू लिया और हॉक आई में गेंद पिचिंग जोन के बाहर ऑफ साइड में गिरती दिखी, लेकिन इम्पैक्ट उसका लाइन में दिखा. गेंद लेग स्टंप के बहुत ही करीब से टकराती नजर आई. यहां अगर मैदानी अंपायर नॉट आउट का फैसला देते तो क्राउली आउट नहीं माने जाते लेकिन क्योंकि अंपायर ने इसे पहले ही आउट करार दिया था तो क्राउली को पवेलियन लौटना पड़ा. इसी को लेकर स्टोक्स एंड कंपनी अंपायर्स कॉल के विरोध में नजर आई.

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