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PSU stocks seeing decline in deliveries in the past 2 months Nobody wants to hold these multi-baggers?

PSU Stocks: पिछले एक साल में सरकारी क्षेत्र की शेयर बाजार में लिस्टेड स्टॉक्स ने निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिया है. कई स्टॉक्स ऐसे भी हैं जिसने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न निवेशकों को दिया है. लेकिन कोटक इंस्टीट्यूशल इक्विटीज के रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक निवेशकों का अब पीएसयू स्टॉक्स से मोह अब भंग रहा रहा है. कोटक के मुताबिक पिछले दो महीने में सरकारी क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों की डिलिवरी के लिए की गई खरीदारी में कमी आई है. 

क्यों पीएसयू स्टॉक्स में आई तेजी

कोटक इंस्टीट्यूशल इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी क्षेत्र की कंपनियों के स्टॉक्स में तेजी के तीन कारण बताये हैं. पहला कुछ पीएसयू स्टॉक्स के फंडामेंटल्स में सुधार देखने को मिला है. दूसरा पीएसयू स्टॉक्स को कुछ मामलों में बेहद मजबूत नैरेटिव्स सेट किया गया है. तीसरा कई पीएसयू स्टॉक्स के मामले में फ्री-फ्लोट शेयर बेहद कम हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कम फ्री-फ्लोट वाले स्टॉक्स में बहुत ही ज्यादा डिलिवरी वॉल्यूम देखने को मिली थी पर इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. कोटक के मुताबिक लो फ्री-फ्लोट वाले पीएसयू स्टॉक्स ने औसतन ज्यादा फ्री-फ्लोट वाली कंपनियों के शेयरों के मुकाबले ने शानदार प्रदर्शन किया है.

पीएसयू शेयरों ने दिया था जोरदार रिटर्न 

कोटक इंस्टीट्यूशल इक्विटीज के रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 6 से 12 महीने में भारतीय शेयर बाजार ने बेहतर प्रदर्शन किया है. इसमें ऑयल, गैस, कंज्यूमेबल फ्यूल्स, पीएसयू और रियल एस्टेट ने शानदार प्रदर्शन किया है. वहीं सभी सेक्टर्स के पीएसयू ने छह महीने में बेहतरीन रिटर्न दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक पीएसयू स्टॉक्स में मजबूती की वजह बेहद मजबूत नैरेटिव्स है जिससे भागीदारी बढ़ी है. 

पीएसयू स्टॉक्स में डिविलरी रेट घटा 

कोटक इंस्टीट्यूशल इक्विटीज के मुताबिक मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में डिलिवरी वॉल्यूम स्टेबल रहा है. पीएसयू मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स ज्यादातर मंथली डिलिवरी वैल्यू पिछले छह महीने में देखने को मिली थी. हालांकि पिछले दो महीने में पीएसयू स्टॉक्स में डिलिवरी वॉल्यूम में कुछ गिरावट देखने को मिली है.  

पीएसयू स्टॉक्स में तेजी के आसार कम

रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर पीएसयू स्टॉक जो आउटपरफॉमर रहे हैं उनका 2025-26 के ईपीएस अपग्रेड्स से इसका कोई लेना देना नहीं है. सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों के स्टॉक्स के मामले में सरकारी के दाम नहीं घटाने की नीति के चलते स्टॉक में तेजी है. रिपोर्ट के मुताबिक 12 से 24 महीने में अर्निंग अपग्रेड को लेकर आश्वस्त नहीं है ऐसे में पिछले छह महीने में इन स्टॉक्स में आई तेजी को जस्टिफाई करना बेहद मुश्किल है.  

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