IND Vs ENG Test How Indian Cricket Team Dominate Over England And Won Series Without Having Experience Players
How Indian Team Dominate Over England: भारत ने रांची टेस्ट जीत इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है. रांची में खेले गए सीरीज़ के चौथे टेस्ट में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 5 विकेट से शिकस्त दी. भारतीय टीम सीरीज़ में विराट कोहली, मोहम्मद शमी और ऋषभ पंत जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के साथ बगैर ही मैदान पर उतरी थी.
पहले ही टीम इंडिया अनुभवी खिलाड़ियों की कमी से जूझ रही थी, जिसमें कुछ खिलाड़ियों की चोट ने और इज़ाफा कर दिया. हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट के बाद रवींद्र जडेजा और केएल राहुल इंजरी के चलते बाहर हो गए. हालांकि जडेजा ने राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट के ज़रिए वापसी कर ली, लेकिन केएल राहुल चौथे टेस्ट तक टीम इंडिया से बाहर रहे. इसी बीच दूसरे टेस्ट के बाद श्रेयस अय्यर भी भारत का हिस्सा नहीं रहे. तो इन सब मुश्किलों के बावजूद कैसे भारत ने इंग्लैंड को सीरीज़ में शिकस्त दी. यहां हम आपको भारत के सीरीज़ जीतने पांच मुख्य कारण बताएंगे.
1- रोहित शर्मा की बेहतरीन कप्तानी
रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ अब तक खेले जा चुके चारों टेस्ट में ही शानदार कप्तानी का मुज़ाहिरा पेश किया है. रांची टेस्ट में रोहित ने शानदार कप्तानी बदौलत इंग्लैंड से हारी हुई बाज़ी जीती. इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में स्पिनर्स के साथ शुरुआत कर रोहित शर्मा ने बड़ी चाल चली थी, जिसमें वो कामयाब भी रहे थे.
स्पिनर्स ने ही सभी 10 विकेट लेकर इंग्लैंड को 145 रन के स्कोर पर समेट दिया था. इस दौरान भारत की तरफ से तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने सिर्फ 3 ओवर डाले थे. वहीं दूसरे पेसर आकाश दीप को एक भी ओवर करने का मौका नहीं मिला था.
2- यशस्वी जायसवाल ने संभाला मोर्चा
इंग्लैंड के खिलाफ चारों ही मुकाबलों में यशस्वी जायसवाल ने शानदार बैटिंग कर भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई. चार मैच में जायसवाल 2 दोहरे शतक जड़ चुके हैं, जिसके साथ वो सीरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बैटर हैं. भारतीय ओपनर 8 पारियों में 93.57 की शानदार औसत से 655 रन बना चुके हैं.
3- बुमराह की सटीक गेंदबाजी
जहां भारतीय पिचों पर स्पिनर्स का बोलबाला होता है, वहां जसप्रीत बुमराह तीसरे टेस्ट तक सीरीज़ में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे. जहां तेज़ गेंदबाज़ विकेट को तरस रहे थे, वहां बुमराह इंग्लिश बैटर्स का जीना हराम किए हुए थे.
4- टीम का एकजुट होना
अब तक खेले गए सभी चार मुकाबलों में भारतीय खिलाड़ी एकजुट दिखाई दिए. यानी, भारतीय खिलाड़ियों ने सभी मुकाबलों में टीम के लिए योगदान रहा, जो सीरीज़ जीतने में भारत के लिए बड़ा प्वाइंट रहा.
5- जुरेल का आना
शुरुआती दो टेस्ट में केएस भरत टीम इंडिया के लिए बतौर विकेटकीपर खेले, लेकिन तीसरे मुकाबले से उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर किया गया और ध्रुव जुरेल को मौका मिला. जुरेल ने राजकोट टेस्ट के ज़रिए भारतीय टेस्ट टीम के लिए डेब्यू किया, जिसके बाद वो दोनों ही मुकाबले में भारत के लिए उपयोगी साबित हुए. राजकोट टेस्ट में जुरेल ने इकलौती पारी में 46 रन बनाए और फिर रांची टेस्ट में उन्होंने 90 और 39* रनों की अहम पारियां खेलीं.
ये भी पढे़ं…
IND Vs ENG: ध्रुव जुरेल के पास था बेहद ही खास प्लान, जीत के बाद खोले सारे राज