Warren Buffet Cash: भारत के सबसे बड़े बैंक की टोटल वैल्यू से भी ज्यादा है वारेन बफे के पास कैश
<p>शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक वारेन बफे दशकों से दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में पहली कतार का हिस्सा हैं. दुनिया भर के शेयरों में निवेश कर कमाई करने वाले वारेन बफे के पास अभी इतना कैश पड़ा हुआ है कि उसके सामने बड़े-बड़े बैंक भी छोटे पड़ जाते हैं.</p>
<h3>वारेन बफे के पास पड़ा है इतना कैश</h3>
<p>दिसंबर तिमाही के समाप्त होने के बाद उनकी कंपनी बर्कशायर हाथवे के पास 167.6 बिलियन डॉलर कैश पड़ा हुआ था. यह वारेन बफे के पास पड़े कैश का ऑल-टाइम हाई लेवल है. कैश की यह मात्रा कितनी बड़ी है, उसका अंदाजा इस तथ्य से लगा सकते हैं कि भारत के सबसे बड़े बैंक की कुल वैल्यू भी इस आंकड़े के सामने कम पड़ जाती है. इतना ही नहीं बल्कि भारतीय शेयर बाजार की शीर्ष दो कंपनियों को छोड़ दें तो बाकी सभी कंपनियों की वैल्यू वारेन बफे के पास पड़े कैश से कम है.</p>
<h3>सिर्फ इन दो कंपनियों का एमकैप ज्यादा</h3>
<p>भारत की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है, जिसकी वैल्यू 242 बिलियन डॉलर है. आरआईएल के बाद टाटा समूह की सॉफ्टवेयर कंपनी टीसीएस का नंबर आता है, जिसका मार्केट कैप 174 बिलियन डॉलर है. भारत की सिर्फ ये दो कंपनियां ही वारेन बफे के पास पड़े कैश से ज्यादा मार्केट कैप रखती हैं.</p>
<h3>एचडीएफसी बैंक की वैल्यू से ज्यादा कैश</h3>
<p>मार्केट कैप के लिहाज से भारतीय बैंकिंग जगत में सबसे आगे निजी क्षेत्र का एचडीएफसी बैंक है, जिसकी टोटल वैल्यू अभी करीब 137 बिलियन डॉलर है. अन्य बड़े भारतीय बैंकों को देखें तो दूसरे नंबर पर 90 बिलियन डॉलर के साथ आईसीआईसीआई बैंक है. कस्टमर के लिहाज से देश का सबसे बड़ा बैंक सरकारी क्षेत्र का एसबीआई है. एसबीआई की टोटल वैल्यू 81 बिलियन डॉलर है. वहीं भारतीय बीमा बाजार पर दबदबा रखने वाली सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी की वैल्यू 80 बिलियन डॉलर है.</p>
<h3>एक साथ खरीद सकते हैं एसबीआई-एलआईसी</h3>
<p>इसका मतलब हुआ कि वारेन बफे के पास इतना कैश पड़ा हुआ है कि वह पूरे एचडीएफसी बैंक को अकेले खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं बल्कि वह सिर्फ कैश से ही एक साथ एसबीआई और एलआईसी दोनों को खरीद सकते हैं. उसके बाद भी उनके पास अरबों डॉलर का कैश बचा ही रह जाएगा.</p>
<h3>ये बड़ी वैश्विक कंपनियां भी छोटी</h3>
<p>वारेन बफे के पास पड़ा कैश कई बड़ी वैश्विक कंपनियों को भी खरीदने के लिए पर्याप्त है. उदाहरण के लिए बैंक ऑफ चाइना का मार्केट कैप 165 बिलियन डॉलर है. सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप में से एक उबर की टोटल वैल्यू 162 बिलियन डॉलर है. अमेरिकन एक्सप्रेस की कुल वैल्यू 155 बिलियन डॉलर है.</p>
<h3>इस कारण लग रहा है कैश का अंबार</h3>
<p>वारेन बफे अभी दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं. फोर्ब्स की रियलटाइम बिलेनियर्स लिस्ट के अनुसार, उनकी मौजूदा नेटवर्थ 134.8 बिलियन डॉलर है और वह दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति हैं. वारेन बफे अपनी कंपनी बर्कशायर हाथवे के जरिए दुनिया भर के शेयरों में निवेश करते हैं. उनके पास एप्पल समेत कई कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी है. उनकी रणनीति कम वैल्यूएशन पर अच्छी कंपनियों के शेयर खरीदने की होती है. बीते कुछ समय से वारेन बफे अपनी रणनीति के मुताबिक सही सौदा नहीं खोज पा रहे हैं, जिससे उनकी कंपनी बर्कशायर हाथवे के पास कैश का अंबार लगता जा रहा है.</p>
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