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Flipkart want to buy reliance backed on demand delivery platform dunzo

Delivery Company: वालमार्ट के सपोर्ट वाली ईकॉमर्स बिजनेस कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) ऑन डिमांड डिलिवरी कंपनी डंजो (Dunzo) को खरीदने के लिए उत्सुक है. मगर, इस सौदे में डंजो की उलझी हुई ओनरशिप स्ट्रक्चर का पेंच फंसा हुआ है. इसे सुलझाने के लिए वार्ता जारी है. यदि इसमें सफलता मिलती है रिलायंस समर्थित कंपनी डंजो, फ्लिपकार्ट की हो जाएगी. इस डिलिवरी कंपनी को खरीदने के लिए टाटा और जोमाटो भी प्रयास कर चुके हैं.

पैसा इकठ्ठा करने और स्टाफ की सैलरी देने में आ रही परेशानी

हिन्दुस्तान टाइम्स ने टेक क्रंच की रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि डंजो के अधिग्रहण की वार्ता लगातार आगे बढ़ रही है. सूत्रों ने बताया कि फ्लिपकार्ट इस सौदे को लेकर गंभीर है. डंजो के लिए पिछला साल कुछ खास नहीं रहा है. उसे पैसा इकठ्ठा करने और स्टाफ की सैलरी देने में तक परेशानी आ रही है. डंजो अभी तक 50 करोड़ डॉलर बाजार से इकट्ठे कर चुकी है. आगे उसे और पैसा नहीं मिल पा रहा है. उसकी ज्यादातर बाजार हिस्सेदारी जेप्टो (Zepto), स्विगी (Swiggy) और जोमाटो (Zomato) के ब्लिंकिट (BlinkIt) ने छीन ली है.    

रिलायंस रिटेल ने खरीदी थी 26 फीसदी हिस्सेदारी

रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की रिटेल कंपनी ने 20 करोड़ डॉलर में 2022 में डंजो की 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. रिपोर्ट में सूत्रों ने दावा किया है कि रिलायंस ने अभी तक इस सौदे को मंजूरी नहीं दी है. डंजो ने इस डील को नकारते हुए कहा है कि यह अफवाह है. ऑन डिमांड डिलिवरी कंपनी ने कहा कि मार्च, 2024 तक हमारी कैश की स्थिति सुधर जाएगी. हम अपने कारोबार को बेचने के लिए किसी से भी वार्ता नहीं कर रहे हैं. 

टाटा और जोमाटो से भी हो चुकी है वार्ता

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि डंजो ने अधिग्रहण के लिए टाटा और जोमाटो से भी वार्ता की है. कंपनी में देश की सबसे बड़ी रिटेल चेन रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) की बहुत बड़ी हिस्सेदारी है. फ्लिपकार्ट अभी तक यह तय नहीं कर पाया है कि डील में रिलायंस रिटेल का क्या रोल रहेगा. इस बारे में स्थिति स्पष्ट होते ही वार्ता को आगे बढ़ा दिया जाएगा. 

छंटनी की जताई गई थी आशंका 

नकदी की तंगी से जूझ रही कंपनी डंजो ने पिछले साल जून और जुलाई का वेतन नवंबर में दिया था. कंपनी के सीईओ कबीर बिस्वास ने कहा था कि बेंगलुरु स्थि​त स्टार्टअप लागत में कटौती के उपायों के तहत विंड टनल रोड पर अपने हेडक्वार्टर को हटाना चाहता है. साथ ही सीईओ ने छंटनी की आशंका भी जताई थी.

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