राजनीति

Mandsaur News – – जिले की चार सीटों पर 31 उम्मीदवार मैदान में – 6 अभ्यर्थियों ने नाम वापस लिए

चुनावी सरगर्मी हुई तेज़ – स्टार प्रचारक 3 नवम्बर को मंदसौर में

● मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर । ओर आज जिले की चार विधानसभा सीटों का चित्र स्पष्ट हो गया। नाम वापसी के साथ अब मंदसौर और सुवासरा से 9 – 9 , गरोठ से 7 तथा मल्हारगढ़ से 6 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।
इनमें भाजपा, कांग्रेस, बसपा व निर्दलीय शामिल हैं। मान्यता प्राप्त दलों एवं निर्दलीय प्रत्याशीयों को चुनाव चिन्ह आवंटित किये गए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में गुरुवार शाम स्थिति स्पष्ट हुई जब नाम वापसी समय बाद प्रक्रिया सम्पन्न हुई।

सुवासरा – सीतामऊ से तीन और मंदसौर , मल्हारगढ़ , गरोठ – भानपुरा विधानसभा से 1 – 1 अभ्यर्थियों में अपने नाम वापस लिए।
स्थिति का आकलन करें तो जिले की चारों सीटों पर प्रत्यक्ष रूप से सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से है। एकमात्र सुरक्षित सीट मल्हारगढ़ में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व प्रत्याशी रहे शामलाल जोकचंद्र ने पार्टी पदों से त्यागपत्र देते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। उनके नाम वापस नहीं लेने से निश्चित रूप से मल्हारगढ़ हॉट सीट हो गई है जहां त्रिकोण संघर्ष होगा।
भाजपा से प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, कांग्रेस से परशुराम सिसोदिया उम्मीदवार हैं। हालांकि श्री देवड़ा लगातार चुनाव जीते हैं। वे कांग्रेस प्रत्याशी रहे शामलाल जोकचंद्र एवं परशुराम सिसोदिया दोनों को ही पराजित कर चुके हैं। इस बार कांग्रेस का आंतरिक संघर्ष कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाने का सबब बनेगा।
क्षेत्र का आकलन करें तो अब नम्बर की लड़ाई अहम होगई प्रतीत होती है।
भाजपा के जगदीश देवड़ा के लिए यह चुनाव बड़ी चुनौती होगा। माना जारहा है कि कांग्रेस से त्यागपत्र देकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शामलाल जोकचंद्र को समर्थन और सहानुभूति दोनों मिल रहा है ।

जिले का राजनीतिक तापमान बढ़ने जारहा है जब शुक्रवार को कांग्रेस के घोषित भावी मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ मंदसौर गांधी चौराहे पर जनसभा करने पहुंच रहे हैं। कांग्रेस के चारों उम्मीदवार जनसभा में रहेंगे। पार्टी को उम्मीद है कि वातावरण पक्ष में बनेगा।
इसी कड़ी में भाजपा भी बड़ा दाव खेल रही है जब केंद्रीय मंत्री और स्टार प्रचारक नरेंद्रसिंह तोमर भी शुक्रवार को नव मतदाताओं से संवाद करेंगे।
पहली बार जिले में मतदान करने वाले 40 हजार से अधिक हैं। वहीं 18 से 38 के बीच आयु वर्ग के सवा पांच लाख से अधिक मतदाता हैं। यह कुल मतदाताओं का 50 फीसदी से अधिक है। ऐसे में भाजपा का फ़ोकस नए और युवा मतदाताओं पर अधिक जान पड़ता है। इसके प्रभाव क्या पड़ते हैं देखना दिलचस्प होगा।
यह साफ़ देखने में आरहा है कि जैसे जैसे मतदान तारीख़ नजदीक आती जारही है भाजपा संगठन, पन्ना प्रभारी, बूथ प्रबंधन सक्रिय और गतिमान होता जारहा है। वहीं कांग्रेस रणनीतिक रूप से उतनी गतिशील नहीं है। कांग्रेस का एक ओर कमजोर पक्ष भी है कि संगठन के जिला अध्यक्ष विपिन जैन स्वयं मंदसौर विधानसभा से पार्टी प्रत्याशी हैं। वे अपने क्षेत्र में ही जनसंपर्क कर रहे हैं। जिले की बाकी तीन विधानसभा क्षेत्रों में वे नहीं पहुंच सकेंगे। इस प्रतिनिधि ने इस बारे में जिला अध्यक्ष विपिन जैन से पूछा तो कहा कि वे अपने क्षेत्र में ही रहेंगे अन्य विधानसभा क्षेत्रों में नहीं जा पायेंगे।
ऐसे में तीन विधानसभा क्षेत्रों में संगठन का संबल कमजोर रहेगा।

यह अवश्य है कि चुनाव प्रचार गति पकड़ रहा है। जनसंपर्क, जनसभाओं, समाज संवाद, मिलना जुलना, राजी नाराजगी, सहयोग – असहयोग, समर्थन – विरोध, प्रचार – प्रसार सुबह से रात तक किया जा रहा है ।

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