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Asias Largest Economy China Facing Hurdles 5 Per Cent Growth Target Goes Beyond

एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के सामने नई परेशानी आ गई है. कोरोना महामारी और सख्त लॉकडाउन के कारण पहले से तबाह चीन की अर्थव्यवस्था के सामने मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं. एक ओर चीन को पश्चिमी देशों और कंपनियों के बदले रुख से जूझना पड़ रहा है, दूसरी ओर उसके सामने रियल एस्टेट का ऐसा अभूतपूर्व संकट खड़ा हो गया है, जिसने इस साल 5 फीसदी ग्रोथ रेट पाना भी मुश्किल बना दिया है.

अब भारत ने छीन लिया स्थान

ब्लूमबर्ग के एक हालिया सर्वे में ऐसी आशंका जाहिर की गई है कि चीन 2023 में बड़ी मुश्किल से 5 फीसदी के आस-पास ग्रोथ रेट तक पहुंच पाएगा. यह इस कारण गंभीर है क्योंकि चीन ने दशकों तक 10 फीसदी से ज्यादा की सालाना आर्थिक वृद्धि दर का औसत दिया है और अभी चंद साल पहले तक वह दुनिया में सबसे तेज गति से तरक्की कर रहा था, जो स्थान अब भारत ने कब्जा कर लिया है.

चीन के सामने उल्टा संकट

ब्लूमबर्ग के सर्वेक्षण में चीन की सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती रियल एस्टेट बताई गई है. दरअसल चीन का रियल एस्टेट इन दिनों अजीब संकट से जूझ रहा है. अमेरिका और यूरोप के हाउसिंग क्राइसिस का कारण हाउसिंग यूनिट की अनुपलब्धता है, जबकि चीन के मामले में यी ठीक उलट है. चीन के मामले में हाउसिंग यूनिट की जरूरत से बहुत ज्यादा उपलब्धता के कारण संकट पैदा हुआ है.

इतने ज्यादा बन चुके हैं घर

चीन के सांख्यिकी ब्यूरो के एक अधिकारी ही केंग का एक वीडियो एक हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया के हाथ लगा है. केंग उसमें चीन के रियल एस्टेट संकट की गंभीरता के बारे में बता रहे हैं. उसमें दावा किया जा रहा है कि चीन में अभी अभी करीब 3 अरब लोगों के रहने के लिए हाउसिंग यूनिट तैयार हैं, जबकि देश की आबादी है 1.4 अरब. यानी कुल आबादी की जरूरत के दोगुने से ज्यादा हाउसिंग यूनिट तैयार हो गए हैं.

अर्थशास्त्रियों ने कम किया अनुमान

चीन की अर्थव्यवस्था के बारे में ऐसा अनुमान जताया जा रहा था कि उसकी ग्रोथ रेट 2023 में 5 फीसदी रह सकती है. हालांकि ब्लूमबर्ग के ताजा सर्वे में ग्रोथ रेट के अनुमान को 10 बेसिस पॉइंट डाउनग्रेड किया गया है. यानी 2023 के लिउ चीन की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर अब 4.90 फीसदी कर दिया गया है. इस सर्वे में 78 अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया है और उनमें से ज्यादातर ने अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रॉपर्टी संकट को माना है.

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