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Apple will not make electric cars tech firm cancels long awaited project says report

दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल एप्पल और टेस्ला की भिड़ंत अब टल गई है. टेक फर्म ने सेल्फ ड्राइविंग व इलेक्ट्रिक कार बनाने की अपनी दशकों पुरानी योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. इस कदम से दुनिया भर के उन लाखों एप्पल-प्रशंसकों को निराशा होने वाली है, जो एप्पल की कार का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.

सालों पहले हुई थी प्रोजेक्ट की शुरुआत

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईफोन समेत कई लोकप्रिय प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी एप्पल इंक ने अपनी दशकों पुरानी व अरबों डॉलर वाली इलेक्ट्रिक कार परियोजना बंद कर दी है. एप्पल ने कई सालों पहले प्रोजेक्ट टाइटन की शुरुआत की थी, जो सेल्फ ड्राइविंग इलेक्ट्रिक कार बनाने की परियोजना थी. कंपनी इस प्रोजेक्ट पर अच्छा-खासा खर्च कर चुकी थी और इसे उसके इतिहास की सबसे अहम व सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना बताया जा रहा था. अब कंपनी ने प्रोजेक्ट को बंद करने का निर्णय लिया है.

इंटरनल कम्युनिकेशन में मिला अपडेट

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्ट टाइटन को बंद करने की जानकारी एप्पल के मुख्य परिचालन अधिकारी जेफ विलियम्स ने और वाइस प्रेसिडेंट केविन लिंच ने 27 फरवरी को एक इंटरनल कम्युनिकेशन के जरिए दी. इस अपडेट ने एप्पल के प्रोजेक्ट टाइटन यानी सेल्फ ड्राइविंग व इलेक्ट्रिक कार बनाने की परियोजना पर काम कर रहे करीब 2000 कर्मचारियों के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है.

कई लोगों की जा सकती है नौकरी

एप्पल के इस कदम से बड़ी संख्या में कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. रिपोर्ट की मानें तो स्पेशल प्रोजेक्ट ग्रुप कही जाने वाली टीम में काम कर रहे कई कर्मचारियों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डिवीजन में मौका मिल सकता है. एप्पल का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डिवीजन जेनरेटिव एआई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. हार्डवेयर इंजीनियरिंग और व्हीकल डिजाइनिंग में काम कर रहे कर्मचारियों को एप्पल की दूसरी टीमों में अप्लाई करने का मौका मिल सकता है.

टेस्ला के लिए खत्म हुआ कंपटीशन

एप्पल के इस निर्णय से दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के लिए एक संभावित कंपटीशन समाप्त हो गया है. टेस्ला अमेरिका की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी है. अभी एप्पल 2.82 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ माइक्रोसॉफ्ट के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है. वहीं टेस्ला 636 बिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी कंपनी है.

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