Rohit Sharma Is More Big Brother For Young Players Than Captain Indian Cricket Team IND Vs ENG Test Series
Captain Rohit Sharma: रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 3 मुकाबले जीत 3-1 की अजेय बढ़त बना ली है. भारत ने रांची में खेले गए चौथे टेस्ट में जीत हासिल कर सीरीज़ अपने नाम की. अब तक सीरीज़ के चार मुकाबलों में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा युवा खिलाड़ियों के लिए कप्तान कम,’ बड़े भाई’ के रूप में ज़्यादा नज़र आए हैं.
रोहित ने अपनी कप्तानी में खेल रहे युवा खिलाड़ियों का बड़े भाई की तरह ख्याल रखा है. भारतीय कप्तान ने सीरीज़ जीतने के बाद यंग खिलाड़ियों की जमकर तारीफ भी की. रांची टेस्ट में फिर चाहें सरफराज़ को हेलमेट पहनकर फील्डिंग करने के लिए बोलना हो या कुछ और, रोहित के अंदर यंगस्टर्स के लिए बड़ा भाई तो नज़र आया है.
रांची टेस्ट जीतने के बाद भारतीय कप्तान ने युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल को लेकर कहा, “कुछ नहीं बोलूंगा, उसे खेलने दो.” उन्होंने आगे कहा, “इसमें कई लड़के काफी युवा हैं और आप ज़ाहिर तौर पर इन खिलाड़ियों को अगले 5-10 सालों में इस फॉर्मेट में ज़रूर खेलता हुआ देखेंगे. जिस तरह वो आए और उन्होंने ज़िम्मेदारी ली, काफी रन बनाए, बड़े रन बनाए और गेंद से भी… इसमें से कुछ लड़के बहुत शानदार थे.”
भूख होना ज़रूरी
रोहित ने बताया कि इस फॉर्मेट में सफलता के लिए आपके अंदर भूख होना बहुत ज़रूरी है. उन्होंने कहा,”यह सबसे मुश्किल फॉर्मेट है और अगर इस फॉर्मेट में आप सफल होना चाहते हैं और बेस्ट होना चाहते हैं तो आपको अपने अंदर भूख रखनी होगी. हम सिर्फ उन्हीं को मौके देंगे जिनमें भूख है. आपको पता चल जाता है कि कौन भूखा है और कौन नहीं. आप समझ जाते हैं कि कौन भूखा है और खेलना चाहता और मुश्किल हालातों में परफॉर्म करना चाहता है. उन्हें वरीयता दी जाएगी, ये सिंपल है. अगर उनमें भूख नहीं है, तो उन्हें खिलाने का कोई मतलब नहीं है. मुझे इस टीम में ऐसा कोई नहीं दिखा जिसमें भूख नहीं है.”
युवा खिलाड़ियों को लेकर कप्तान कम बड़े भाई रोहित शर्मा ने कहा, “सही कहूं तो इसमें कई लड़के काफी ज़मीनी है. जायसवाल अभी भी शानदार है, लेकिन इसके अलावा सभी लड़के काफी विनम्र हैं, वो विनम्र बैकग्राउंड से आते हैं, इसलिए वो उसे अपने खेल में भी लाते हैं. हमारा काम ये सुनिश्चित करना है कि वहां उनके लिए माहौल हो कि वो जाएं और अपना काम करें और हम कई युवा खिलाड़ियों के साथ ऐसी कोशिश करते हैं. उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेलकर काफी वक़्त बिताया है, इसलिए वो इस खास फॉर्मेट से जागरुक हैं, लंबी बैटिंग करना, लंबे स्पेल फेंकना, इन चीज़ों से सचेत हैं.”
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