AM Naik: जूनियर इंजीनियर से शुरुआत, 2 लाख करोड़ की कंपनी के बने मुखिया, अब संन्यास… ऐसी रही है इस उद्यमी की यात्रा!
<p>भारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग एवं कंस्ट्रक्शन कंपनी एलएंडटी की लीडरशिप में बड़ा बदलाव हुआ है. लाखों करोड़ रुपये की इस कंपनी को दशकों से संभाल रहे एएम नाइक ने अब संन्यास ले लिया है. अब एसएन सुब्रमण्यन उनकी जगह लेने वाले हैं. इसके साथ ही न सिर्फ एलएंडटी में बल्कि भारतीय कॉरपोरेट जगत में एक प्रमुख अध्याय का समापन हो गया है.</p>
<h3>इतनी बड़ी हो चुकी है कंपनी</h3>
<p>एएम नाइक का पूरा नाम अनिल कुमार मणिभाई नाइक है. उनकी गिनती आजाद भारत के इतिहास के प्रमुख उद्यमियों में की जाती है. 81 साल के नाइक अपने दशकों लंबे करियर में कई शानदार सफलताओं के साक्षी बने हैं. उनकी अगुवाई में एलएंडटी पूरी दुनिया में कंस्ट्रक्शन व इंजीनियरिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी के रूप में स्थापित हो गई. अभी जब नाइक ने अपने करियर को विराम की दिया है, एलएंडटी का कारोबारी साम्राज्य 1,91,300 करोड़ रुपये का हो चुका है.</p>
<h3>एलएंडटी से 6 दशकों का साथ</h3>
<p>एएम नाइक की यह यात्रा इस कारण भी असाधारण हो जाती है, क्योंकि उन्होंने एक बेहद आम शुरुआत की और धीरे-धीरे ऊंचाइयों पर चढ़ते चले गए. उनकी एलएंडटी के साथ यात्रा कोई नई नहीं है. अपने करीब 8 दशक के जीवन के 6 दशक उन्होंने एलएंडटी के साथ गुजारे हैं और उनमें से करीब 2 दशक तो कंपनी की अगुवाई करते हुए गुजरी है.</p>
<h3>इस तरह से कंपनी में तरक्की</h3>
<p>एलएंडटी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उन्होंने कंपनी के साथ करियर की शुरुआत एक जूनियर इंजीनियर के रूप में साल 1965 में की थी. धीरे-धीरे वह सीढ़ी-दर-सीढ़ी ऊपर चढ़ते गए और जनरल मैनेजर से होते हुए मैनेजिंग डाइरेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद तक पहुंचे. उन्हें 29 दिसंबर 2003 को एलएंडटी का चेयरमैन व मैनेजिंग डाइरेक्टर बनाया गया था. वह 2012 से 2017 तक एलएंडटी के ग्रुप एक्सीक्यूटिव चेयरमैन रहे. अक्टूबर 2017 में उन्होंने एक्सीक्यूटिव की जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर लिया और ग्रुप चेयरमैन बना दिए गए.</p>
<h3>अब सामाजिक कार्यों पर फोकस</h3>
<p>अब उन्होंने सक्रिय कॉरपोरेट जीवन को विदा कह दिया है. अब उनका फोकस सीएसआर गतिविधियों समेत समाज कल्याण के कार्यों पर रहेगा. वह एम्पलाइज ट्रस्ट के भी चेयरमैन बने रहेंगे. पिछले कुछ सालों में उन्होंने जिन सामाजिक पहलों की शुरुआत की है, अब उसे आगे बढ़ाने पर ध्यान देंगे. उन्होंने कुछ साल पहले हाशिये पर स्थित लोगों को शिक्षा व कौशल प्रदान करने के लिए नाइक चैरिटेबल ट्रस्ट की शुरुआत की थी. इसी तरह कम दरों पर स्पेशियलिटी हेल्थकेयर सुविधाएं देने के लिए उन्होंने निराली मेमोरियल मेडिकल ट्रस्ट की शुरुआत की थी.</p>
<h3>आत्मनिर्भर भारत के प्रेरणास्रोत</h3>
<p>एएम नाइक को सबसे बड़ा श्रेय जाता है डिफेंस के मामले में स्वदेशी को बढ़ावा देने का. इस तरह से वे आत्मनिर्भर भारत के प्रेरणास्रोत रहे हैं. उनकी अगुवाई में एलएंडटी ने डिफेंस सेक्टर में न सिर्फ कदम रखा, बल्कि आज सेना को कई अहम उपकरण बनाकर दे रही है. अभी एलएंडटी डिफेंस सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग तक में प्रमुख नाम है. कंपनी मिसाइल समेत कई हथियार बना रही है. यहां तक स्पेस सेक्टर में भी एलएंडटी बड़ा नाम है. इन सब का श्रेय नाइक को जाता है.</p>
<h3>कई बार सरकार ने दिया सम्मान</h3>
<p>नाइक की उपलब्धियां परिचय या पहचान की मोहताज नहीं हैं. उनके योगदान को सरकार ने कई बार सराहा है. मोदी सरकार ने जब राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की शुरुआत की तो नाइक को उसके चेयरमैन की जिम्मेदारी दी गई. वह नवंबर 2018 से अप्रैल 2022 तक एनएसडीसी के चेयरमैन रहे. वह आईआईएम अहमदाबाद समेत कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों व विश्वविद्यालयों के बोर्ड का हिस्सा रहे हैं.</p>
<p>उनके योगदानों के चलते गुजरात सरकार ने उन्हें 2009 में गुजरात गरिमा अवार्ड से सम्मानित किया था. उन्हें 2009 में पद्म भूषण सम्मान प्राप्त हुआ था, जबकि 2019 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.</p>
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