Business

Bank Fixed Deposit Low Interest Rates Rally In Stock Market And Pandemic Pushes Investors Interest In Mutual Funds

Mutual Fund Threat To Bank Deposits: बैंक डिपॉजिट्स को भले ही सुरक्षित निवेश के साथ गारंटीड रिटर्न देने का तमगा हासिल हो. लेकिन महामारी के दौरान जब आरबीआई के ब्याज दरों को कम रखने के चलते बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर बेहद कम ब्याज मिल रहा था. उस दौरान रिटेल से लेकर कॉरपोरेट निवेशकों ने म्यूचुअल फंड्स के स्कीमों में जबरदस्त निवेश किया. इसके चलते म्यूचुअल फंड्स हाउसेज के एसेट अंडर मैनेजमेंट (Asset Under Management)  में जोरगार उछाल देखने को मिला. ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों में रहने वाले लोग खासतौर से बुजुर्ग अपनी गाढ़ी कमाई को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों में डिपॉजिट रखने को ज्यादा तवज्जो देते रहे हैं. लेकिन हालिया वर्षों में म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश के प्रति निवेशकों में आकर्षण बढ़ा है. 

म्यूचुअल फंड का AUM हुआ दोगुना

बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 को बेस ईयर माना जाए तो उसके बाद से ब्याज दरों के कम रहने के दौरान फाइनेंशियल लैंडस्केप में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है. पिछले तीन वर्षों में म्यूचुअल फंड्स के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है. पिछले तीन वर्षों में म्यूचुअल फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट सालाना 24.8 फीसदी के ग्रोथ के साथ 20.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2023 तक बढ़कर 39.42 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. जबकि बैंक डिपॉजिट्स में महज 10 फीसदी की बढ़ोतरी रही है और ये 135.67 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 180.44 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है.

बैंक एफडी से ज्यादा दिया बॉन्ड ने

मार्च 2020 में सेंसेक्स 30,000 अंकों के करीब था जो अब 67,000 के लेवल पर है. सालाना 26 फीसदी का ग्रोथ सेंसेक्स में देखने को मिला है. इस अवधि में बैंक डिपॉजिट्स से ज्यादा रिटर्न कॉरपोरेट बॉन्ड्स ने दिया है जिसमें लॉन्ग टर्म निवेश पर टैक्स छूट हासिल है. 

निवेशक अब रिस्क लेने को हैं तैयार 

म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों में निवेश को निवेशक तरजीह दे रहे हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा के रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा रिटर्न के लिए निवेशक अब जोखिम लेने से हिचक नहीं रहे. ऐसे निवेशक ग्रोथ स्कीमों, इंडेक्स और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में हाई रिटर्न की उम्मीद में निवेश कर रहे हैं. ये निवेशक उच्च महंगाई दर के चलते ज्यादा रिटर्न पाने के लिए इसमें निवेश कर रहे हैं. 

SIP में हर महीने 15,000 करोड़ का निवेश 

म्यूचुअल फंड्स के स्कीमों में एसआईपी के जरिए निवेशक सबसे ज्यादा निवेश को तरजीह दे रहे हैं. एम्फी के डेटा के मुताबिक पहले जहां 8600 करोड़ रुपये सिस्टमैटिक इवेस्टमेंट प्लान के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा रहा था वो अगस्त 2023 में बढ़कर 15,800 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. 

महामारी बना सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट

ऐसे में निवेशकों में निवेश करने की आदतों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है खासतौर से महामारी के दौरान से. इस बदलाव को सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट माना जा सकता है जब निवेशकों ने जोखिम लेकर म्यूचुअल फंड में निवेश को बढ़ाया. शेयर बाजार में तेजी से मिले सपोर्ट और भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के चलते निवेशकों का ये दांव सफल रहा है. ऐसे में शेयर बाजार आधारित सेविंग में निवेश की प्रवृति को बल मिला है.  

ये भी पढ़ें 

Emcure Pharma IPO: शार्क टैंक इंडिया फेम नमिता थापर की एमक्योर फार्मा स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की तैयारी में, 2024 में आ सकता है आईपीओ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *