गफ्फार मार्केट को लेकर राजनीति तेज, AAP बोली- दुकानदारों को बेदखल करना चाहती है एमसीडी
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि नॉर्थ एमसीडी गफ्फार मार्केट की दुकानों से दुकानदारों को बेदखल करके नई बिल्डिंग बनाकर नए लोगों को दुकानें बेचना चाहती है। आप ने नॉर्थ एमसीडी द्वारा दुकानें खाली करने के लिए नोटिस भेजने का विरोध किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एमसीडी बिल्डर माफियाओं से मिलकर लीज पर दी गई दुकानों का सर्वे करा रही है और बिल्डिंग को खतरनाक दिखाकर खाली करने का नोटिस भेज रही है।
फ्री होल्ड करा देते तो दुकानदार खुद रिपेयर करा लेते: AAP
आईआईटी रुड़की की जांच में खुलासा हुआ है कि घटिया सीमेंट लगाने की वजह से गफ्फार मार्केट की बिल्डिंग की हालत अब ठीक नहीं है। आप नेता ने सवाल उठाते हुए कहा कि 99 साल की लीज पर दी गई इन दुकानों को फ्री होल्ड कर दिया गया होता, तो दुकानदार खुद मरम्मत करा लेते। भारद्वाज ने सवाल किया कि अगर घटिया सीमेंट से बिल्डिंग बनाई गई और एमसीडी ने पिछले 40 साल में अपनी ही बिल्डिंग की सुध नहीं ली तो यह गलती दुकानदारों की है या एमसीडी की। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एमसीडी से जाते-जाते बीजेपी अपनी जेब भरने के लिए दिल्ली में ऐसी 39 मार्केट में इस तरह का प्लान बना रही है।
‘खतरनाक दिखाकर मार्केट खाली करा रहे’
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि डीडीए और एमसीडी जगह-जगह पर मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाती हैं और इन मार्केट में दुकानों को 99 साल की लीज पर देती हैं। लीज पर देने का मुख्य मकसद यह होता है कि बीच में फ्री होल्ड की स्कीम निकाली जाती है और दुकानदारों की यह दुकानें फ्री होल्ड कर दी जाती हैं। लेकिन एमसीडी बड़े-बड़े बिल्डर माफियाओं के साथ मिलकर अब एक नई तरकीब ला रही है। जिन मार्केट के अंदर दुकानों को फ्री होल्ड कर देना चाहिए था, वहां दुकानों की बिल्डिंग का सर्वे कराकर, उसको खतरनाक दिखाकर मार्केट खाली करा रहे हैं। दुकानदारों को यह कहा गया है कि अब दुकानें नहीं मिलेंगी। नए सिरे से नया कोई बिल्डर आकर इनको अपनी तरह से नए लोगों को बेचेगा।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अभी जो मामला आया है, वह गफ्फार मार्केट का है। वहां सरस्वती मार्ग पर एमसीडी की एक मार्केट है, जिसमें 1976 में आवंटन (एलॉटमेंट) किए गए थे और दुकानदारों को 99 साल की लीज पर दुकानें दी गई थीं। अब एमसीडी ने आईआईटी रुड़की से इसकी जांच कराई है और आईआईटी रुड़की खुद लिखता है कि घटिया ग्रेड का सीमेंट लगाने की वजह से इस बिल्डिंग के हालात अब ठीक नहीं है। इसके कारण एमसीडी कह कह रही है कि इसणे तोड़ कर दोबारा बनाया जाएगा।