DJB में टेंडर प्रक्रिया के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप
आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि द्वारका में प्रस्तावित जल शोधन संयंत्र का जो टेंडर पिछले साल जुलाई में जल बोर्ड की बैठक में रद्द कर दिया गया था, बाद में उसी टेंडर को इस साल जुलाई में पास करके वर्क ऑर्डर दे दिया गया। गुप्ता ने बताया कि 280 करोड़ की लगात से द्वारका में प्रस्तावित जल शोधन संयंत्र को तैयार करने के इस टेंडर को न तो रद्द करते समय और न ही फिर से स्वीकार करते समय कोई कारण स्पष्ट किया गया। इस दौरान बोर्ड में शामिल बीजेपी के सदस्यों ने इस पर आपत्ति भी जताई, लेकिन इसके बावजूद वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया। गुप्ता ने आरोप लगाया कि जब से मंत्री सत्येंद्र जैन दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष बने हैं, तबसे लगातार ऐसा हो रहा है कि पहले टेंडर रद्द कर दिया जाता है और फिर ‘लेन-देन’ पूरा होते ही उसी टेंडर को स्वीकार करके वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जाता है।
उन्होंने बताया जुलाई 2020 में जिस निविदा नंबर 990 को रद्द किया गया, उसी को जुलाई 2021 में निविदा नंबर 1150 के अंतर्गत फिर से पारित कर दिया गया। दोनों ही मामलों में निविदा रद्द या स्वीकार करने का कोई कारण नहीं दिया गया। टेंडर प्रक्रिया में सभी तरह के नियमों की अनदेखी की गई, जबकि 90 दिनों के बाद टेंडर प्रक्रिया को फिर से शुरु किया जाना चाहिए था। ऐसे में लगातार हो रहे घोटालों को देखते हुए विस्तृत जांच होनी चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली बीजेपी उपाध्यक्ष राजन तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना और दिल्ली जल बोर्ड में शामिल बीजेपी के तीनों सदस्य विजय भगत, सत्यपाल और राजीव कुमार भी मौजूद रहे।