यूपी चुनाव से पहले लखनऊ में बीजेपी का मंथन: CM योगी ने नेताओं को दिया टास्क, स्वस्थ स्वयंसेवक बनाने पर भाजपा का जोर


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कुछ टास्क दिये हैं। योगी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं और कार्यकर्ताओं को न केवल उन मुद्दों को लेकर सतर्क रहने को कहा है होगा, जिन्हें उठाया जाना है, बल्कि विपक्ष की ओर से ध्यान हटाने की कोशिशों का भी सामना करना होगा।

पार्टी की राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में, आदित्यनाथ ने दावा किया कि विपक्ष नकारात्मकता फैलाने की कोशिश करेगा, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं को कोविड -19 महामारी के दौरान केंद्र और राज्य सरकार दोनों के प्रयासों के बारे में जनता को सूचित करना होगा। पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”हम सब 2022 के विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े हैं और सर्वाधिक तौर पर मुद्दों का चयन और विरोधियों द्वारा कुत्सित षड्यंत्र का प्रयास जारी है।”

योगी ने कहा,”राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भाजपा का सिद्धांत रहा है दल से बड़ा देश, हम सत्ता में रहें हों या विपक्ष में लेकिन भाजपा ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में किसी से कोई समझौता नहीं किया।” उन्होंने विपक्ष खासतौर से समाजवादी पार्टी को निशाने पर रखते हुए कहा कि ”अभी हाल में दो प्रकार के षड़यंत्र देखने को मिले जब मतांतरण की आड़ में मूक बधिर बच्‍चों को टूल (हथियार) बनाया गया और अपनी ही व्यवस्था के खिलाफ उन्हें भड़काकर सुरक्षा में सेंध लगाने के जिस प्रकार षड़यंत्र हो रहे थे वह एक सामान्य घटना नहीं है। दूसरे, विपक्ष की हाल में लखनऊ में एक कुत्सित मंशा देखने को मिली जब सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी संगठनों को अपनी गिरफ्त में लिया तब एक जिम्मेदार नेता (सपा प्रमुख अखिलेश यादव) के द्वारा कहा गया कि हमें उत्तर प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा नहीं है।” योगी ने सवाल उठाया कि आखिर यह किस मंशा को प्रदर्शित करता है।”

गौरतलब है कि पिछले दिनों लखनऊ में दो संदिग्ध आतंकवादी पकड़े जाने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि हमें भाजपा सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं है। योगी ने दावा किया, ” 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद सीआरपीएफ कैंप रामपुर, अयोध्या में राम जन्मभूमि, अयोध्या, काशी और लखनऊ की कचहरियों में विस्फोट करने वालों के मुकदमे वापस लेने की समाजवादी पार्टी की सरकार ने पहल की।”

उन्होंने कहा,”कल समाजवादी पार्टी के लोग आगरा में पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करते दिखे तो यह सोच लीजिए कि उनके पास देश की सुरक्षा का कैसा ब्‍लू प्रिंट (खाका) है। यह इस चीज को बताता है कि लोग वोट बैंक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने में कोई परहेज नहीं करते। इनके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कोई मायने नहीं रखती है। ये हर एक उस मुद्दे को राजनीतिक तंग दायरे में देखना चाहते जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हम सबको इसके प्रति सचेत रहना होगा।”

उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि ‘लव जिहाद’ के खिलाफ हमारी सरकार ने विगत वर्ष ही एक सख्त कानून बनाया था और हमें जो शंका थी वह सच साबित हो रही है कि कैसे छुपकर, दुष्प्रचार करके पूरी व्यवस्था के साथ खिलवाड़ हुआ। कोरोना को सदी की सबसे बड़ी महामारी बताते हुए योगी ने कहा, ”उत्तर प्रदेश जैसा बड़ी आबादी का राज्य कोविड प्रबंधन का मॉडल प्रस्तुत करने में सफल हुआ है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस दौर में हमें जीवन भी बचाना है और जीविका को भी बचाना है और इसी के बीच से ‘सेवा ही संगठन’ के जरिये कोरोना की द्वितीय लहर को नियंत्रित करने में सरकार और संगठन ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। योगी ने कहा कि टीकाकरण से हम विपक्ष के दुष्‍प्रचारों को समाप्‍त कर सकते हैं।जीवन और जीविका को बचाने के अभियान में विपक्ष की कथित नकारात्मक भूमिका की चर्चा करते हुए योगी ने कहा, ”कोरोना बीमारी में विपक्ष का एक भी चेहरा सामने नहीं आया जो संकट के समय जनता के लिए खड़ा होता दिखे। भाजपा परिवार के अलावा कोई दल जनता की सेवा के लिए नहीं था। कोई वैक्सीन (टीका) के बारे में नकारात्मकता पैदा कर रहा था तो कोई डर और दहशत पैदा कर रहा था।”

योगी ने कहा कि पिछले चार वर्ष में प्रदेश और सात वर्ष में देश के अंदर राजनीति के एजेंडे को बदलते देखा है। सात वर्ष पहले देश के अंदर क्या स्थिति थी, उसके पहले गरीब, नौजवान, किसान और महिलाएं सरकार के एजेंडे का हिस्सा नहीं थीं लेकिन एक-एक करके इन सभी के लिए जो योजनाएं बनी उसका परिणाम पूरे देश में दिख रहा है।

उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और अपेक्षा की कि इन उपलब्धियों को लेकर एक मिशन के तहत जनता से संवाद करने की जरूरत है। हमें लाभार्थियों के मुंह से योजनाओं का लाभ बोलवाने की व्यवस्था बूथ स्‍तर तक बनाने की जरूरत है।

उन्होंने सलाह दी कि पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद करने की जरूरत है और सात लाख जो पंचायत प्रतिनिधि चुने गये हैं उनके साथ संपर्क बनाए रखना है। विधानसभा चुनाव के लिए जीत का मंत्र देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गरीब को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना में कार्यकर्ता लगे हैं लेकिन वरिष्ठ पदाधिकारी इसकी निगरानी कर लें तो इसे और आगे बढ़ाया जा सकता है।



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