Father son arrested in connection with 100 crores fraud with farmers fish farming big scam crime branch in action mpns
भोपाल. मध्य प्रदेश में किसानों को मछली पालन के जरिये आय दोगुनी करने का लालच देकर 100 करोड़ ठगने वाले बाप-बेटे को भोपाल क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. दोनों मछली पालन की स्कीम बताकर किसानों को टारगेट करते थे. इस धोखाधड़ी में मुख्य आरोपी के दोस्त भी साथ देते थे. दोनों आरोपी पिछले कई महीनों से गोवा, दिल्ली व अन्य राज्यों में छिपकर फरारी काट रहे थे.
भोपाल क्राइम ब्रांच के अनुसार फरियादी कपिल दुबे सहित कई किसानों ने गुडगांव की फिश फॉर्च्यून प्रोड्यूस कंपनी के संचालक बिजेन्द्र कश्यप, उनके सहायक संचालक-प्रमोटर धर्मेन्द्र ठाकुर, प्रह्लाद शर्मा और मनोज कटारे के खिलाफ अगस्त 2019 में मछली पालन करने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. यह धोखाधड़ी करीब 100 करोड़ की थी. मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.
किसानों को दिया लालच
गौरतलब है कि इस मामले में क्राइम ब्रांच पहले ही आरोपी ब्रिजेन्द्र और विनय शर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है. फरार आरोपी प्रहलाद शर्मा को मुखबिर की सूचना पर कोहेफिजा क्षेत्र से पकड़ा गया. पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. उसके बाद उसके बेटे शुभम शर्मा को भी पुलिस ने पकड़ लिया. आरोपियों ने बताया कि किसानों को फायदे का झांसा देकर अपने खातों में करीबन 84 लाख रुपये डलवाए.
इस तरह लिया झांसे में
पुलिस ने बताया कि आरोपी किसानों को स्कीम का जबरदस्त फायदा बताते थे. किसानों को बताया जाता कि उनके पास उपलब्ध जमीन पर मछली पालन के लिए उनकी कंपनी कॉन्ट्रेक्ट करेगी. इसके लिए एक एकड़ या आधा एकड़ जमीन की जरूरत होगी. इसके एवज में कंपनी किसानों को तीस किस्तों यानि 15 महीनों तक 37,500 रुपये प्रति माह टीडीएस एव अन्य खर्चे काटकर देगी. कम्पनी किसान को तीस किस्तों में यानि 15 माह तक 37,500 रुपये मछली पालन के लिए तालाब का लीज एमाउंट देगी.
कंपनी ने ये बताई पॉलिसी
आरोपियों ने किसानों को बताया कि कम्पनी तालाब खुदवाकर उसके चारों तरफ जाली लगवाएगी, सीसीटीवी कैमरे लगवाएगी, मछली बीज उपलब्ध काराएगी और उसके दाना-पानी की व्यवस्था कराएगी. सिक्योरिटी मनी मिलते ही तीन दिन के अंदर मछली पालन का काम शुरू कर दिया जाएगा. यदि मछली पालन के दौरान मेडिकल संबंधी जरूरतें भी कंपनी ही पूरी करेगी. यदि कंपनी द्वारा आकस्मिक दौरे के दौरान तालाब में कोई व्यक्ति मछली पकड़ते हुए पाया गया तो उस पर पेनल्टी लगेगी. उनकी ओर से प्रतिमाह वॉटर सप्लाई, सिक्योरिटी गार्ड और इलेक्ट्रिसिटी दूसरी पार्टी उपलब्ध कराएगी. इसके लिए हर महीने 8,000 रुपये कंपनी अलग से देगी.
किसानों के साथ ये हुआ एग्रीमेंट
किसान का कंपनी के मछली पालन के काम में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा. कपनी पूर्ण रुप से एग्रीमेंट में दी गई राशि के समयावधि में भुगतान के लिए जिम्मेदार है. कम्पनी कभी भी किसान की जमीन का मछली पालन के अलावा किसी अन्य काम मे उपयोग नहीं करेगी. कंपनी किसानों को अलग-अलग बैंक एकाउंट के माध्यम से पीडीसी चैक भी देगी. इस चेक को सिक्युरिटी मनी के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है. साथ ही, भुनाया भी जा सकता है. इसी झांसे में आकर किसानों ने उनके प्रोजेक्ट में पैसे लगा दिए.
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