Russia-Ukraine War: यूक्रेन की रक्षा के लिए आगे आए हैकर्स, ढाई लाख लोगों ने ज्वाइन की ‘IT आर्मी’
नई दिल्ली: रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख रोस्कोस्मोस ने देश के सैटेलाइट के संचालन को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैकर्स को चेतावनी दी है कि उनके इस तरह के कामों को ‘कैसस बेली, यानी एक ऐसी घटना जो युद्ध को सही ठहराती है’ के रूप में समझा जा सकता है.
‘साइबर अटैक के लिए हो सकती है सजा’
आरटी के मुताबिक, रूस के आरकेए मिशन कंट्रोल सेंटर पर साइबर हमले के तुरंत बाद दिमित्री रोगोजिन की टिप्पणी आई. बुधवार को एक समाचार चैनल से बात करते हुए अधिकारी ने कहा कि जो लोग ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि यह एक अपराध है, जिसके लिए बहुत कड़ी सजा की जरूरत होती है.
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‘ऐसा करना है कैसस बेली’
रोगोजिन ने जोर देकर कहा कि किसी भी देश के अंतरिक्ष बलों के संचालन में व्यवधान एक तथाकथित कैसस बेली है, जो एक ऐसी घटना का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक लैटिन शब्द है जो या तो युद्ध की शुरुआत की को सही ठहराता है.
हैकर्स के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू
रोस्कोस्मोस के प्रमुख ने जिम्मेदार लोगों को भी धमकी दी कि उनका निगम उनकी पहचान करेगा, और डेटा को रूसी सुरक्षा सेवाओं को सौंप देगा, ताकि वे हैकर्स के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू कर सकें. इससे पहले, कई टेलीग्राम समूहों ने दावा किया था कि एनबी65 हैकर समूह, जो कथित तौर पर बेनामी से जुड़ा हुआ है, ने रूस के उपग्रहों के साथ रोस्कोसमोस के संचार को सफलतापूर्वक भंग कर दिया था.
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यूक्रेन में तैयार हुई हैकर्स की सेना
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन की रक्षा के लिए साइबर स्पेस में वॉलंटियर हैकर्स की सेना तैयार हो रही है. साइबर सुरक्षा फर्म सेकोइया के एक्सपर्ट के अनुसार, लगभग 260,000 लोग हैकर्स की ‘आईटी सेना’ में शामिल हो गए हैं. ऐसे लोगों को हैक्टिविस्ट कहा जा रहा है.
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