मंदसौर दर्शन – पर्यटन गीत। म्हारा मंदसौर में थांको अभिनंदन है, वंदन है – अभिनंदन है।
( मंदसौर से डॉ. घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट )
मंदसौर । मालवा के मंदसौर की चित्रमय, रंगीन और सुरीली तस्वीर आकर्षण के साथ प्रस्तुत हुई और मंदसौर दर्शन केंद्रित पर्यटन गीत का वीडियो, वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल से किया। म्हारा मंदसौर में थांको अभिनंदन है, वंदन है – अभिनंदन है।
यह आमन्त्रण है देश – दुनिया के पर्यटकों के लिये। सुरुचिपूर्ण ढंग से संपूर्णता के तैयार मंदसौर दर्शन – पर्यटन गीत में जिले के ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक और अन्य प्रमुख विशेषताओं को जोड़ा गया है। सुरों और शब्दों के साथ उन महत्वपूर्ण स्थानों का फिल्मांकन सहज आकर्षित कर रहा है। इस आधार पर जिले में कोरोना काल में सुप्त पड़े पर्यटन उद्योग को गति मिलने की आशा की जारही है।
इस महत्वाकांक्षी प्रकल्प की तैयारी मार्च 2020 के पहले की गई बाद में बदले घटनाक्रम से अब मूर्त रूप मिल पाया है जब मुख्यमंत्री ने स्वयं मंदसौर दर्शन पर्यटन गीत की वीडियो फ़िल्म लोकार्पित की।
8 जुलाई को लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की पहली RT PCR लैब मंदसौर जिला अस्पताल में उद्धाटित की । यह मेडिकल कॉलेजों में स्थापित होने के अलावा है।
वहीं एक उत्पाद – एक जिला योजना अंतर्गत लहसुन को प्रोजेक्ट किया। इसी मीटिंग में यह वीडियो गीत गुंजा जिसकी मुख्यमंत्री ने सराहना की।
इस मौके पर वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, भाजपा किसान मोर्चा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर, वरिष्ठ विधायक यशपालसिंह सिसौदिया, विधायक देवीलाल धाकड़ सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे ।

दरअसल, मंदसौर जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के माध्यम से प्रोजेक्ट मंदसौर धरोहर की बनी कार्ययोजना में संरक्षण, सुरक्षा और प्रचार पर काम शुरू हुआ।
सामुहिक भागीदारी और जागरूकता को ध्यान में रखकर खुली प्रतियोगिता आयोजित हुई। जिसमें मंदसौर पर केंद्रित लोगो, टेग लाइन, मंदसौर गीत और पुरा महत्व स्थलों के फ़ोटोग्राफ़ आमंत्रित किये गए। अप्रत्याशित प्रतिसाद मिला और जिले, प्रदेश सहित देश भर से हजारों प्रविष्टियां आगई। संस्कृति परिषद अध्यक्ष और कलेक्टर ने निर्णायक समिति गठित की। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट लोगों को शामिल किया। इस दौरान प्रदेश में सरकार बदल गई, कोविड संक्रमण प्रकोप बढ़ गया परन्तु पर्यटन प्रचार – विस्तार योजना प्रभावित नहीं हुई और स्थितियां में सुधार होते ही प्रोजेक्ट की गई।
मंदसौर का महत्व हर दृष्टि से हमेशा रहा है। प्राचीन नाम दशपुर था। इतिहास – पुरातत्व – संस्कृति – पर्यावरण – खेती – शिक्षा – जनांदोलन के साथ राजनीति का भी केंद्र रहा है।
मध्यप्रदेश के दो मुख्यमंत्री जिले ने दिये हैं। पद्मश्री श्रीधर वाकणकर ने इतिहास – पुरातात्विक महत्व को विश्व के सम्मुख प्रस्तुत किया।
इन्हीं सब विशेषताओं के साथ मंदसौर जनपद पंचायत के विस्तार अधिकारी, कवि – लेखक, जनगणना 2011 में श्रेष्ठ कार्य के लिये राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त लालबहादुर श्रीवास्तव ने मंदसौर दर्शन पर्यटन गीत रचना की। निर्णायक समिति ने गीत का चयन सर्वसम्मति से किया।
खुली प्रतियोगिता में विजेताओं के लिये सम्मान जनक आकर्षक नकद पुरस्कार राशि दिये जाने की घोषणा भी कलेक्टर द्वारा की गई थी।
गीत में गांधीसागर, चम्बल, यशोधर्मन, पशुपतिनाथ, दुधाखेडी, हिंगलाजगढ़, धर्म राजेश्वर, नटनागर शोध संस्थान, सौंधनी विजय स्तंभ, नालछा माता, बही पार्श्वनाथ, दीवारों पर और गुफाओं की चट्टानों पर भित्ति चित्रों, लोककलाओं, प्राचीन प्रतिमाओं के सौंदर्य, शिल्प कला के साथ जनानांकि सम्पदाओं के चित्रण किया है। गीत को सुरों में ढाला उभरते युवा पार्श्वगायक आशीष मराठा ने। संगीत दिया आदर्श प्रजापति ने। वीडियो ग्राफिक्स नितिन शर्मा के दल द्वारा हुआ।
कलेक्टर मनोज पुष्प, जिला पंचायत सीईओ ऋषव गुप्ता, पुरातत्व संस्कृति परिषद सचिव डॉ जयकुमार जैन की कल्पना शीलता से जिले का पुरातात्विक सौदर्य नये कोण से उभर कर पर्यटकों को आकर्षित करने को प्रस्तुत हुआ।
मंदसौर में सम्पन्न कालिदास प्रसंग पर पहली बार मंदसौर दर्शन पर्यटन गीत टी वी स्क्रीन पर देखा गया। सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक यशपालसिंह सिसौदिया साक्षी रहे। गणतंत्र दिवस 2021 पर वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मुख्य समारोह में इस गीत को मान्यता दी।
मंदसौर विधायक श्री सिसौदिया ने कहा कि मध्यप्रदेश गान जिस प्रकार गुंज रहा है अब मंदसौर दर्शन पर्यटन गीत प्रदेश और देश में गूंजेगा। विधानसभा में भी इसे सुनाई दिया।
भरपूर सराहना मिलने के पहले एडिटिंग की गई अब मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत रचना कर्णप्रिय होने के साथ दर्शनीय भी बन पड़ी है।
मालवी – हिंदी की मिलीजुली गीत रचना के प्रस्तुतिकरण से मालवा – मेवाड़ – ग्वालियर – चम्बल – हाड़ौती – निमाड़ आदि क्षेत्रों के पर्यटक सर्किट को जोड़ते हुए अंतरप्रांतीय पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करने में कामयाबी मिलेगी।
जलाशयों में एडवेंचर वाटर स्पोर्ट्स, हेरिटेज रिसोर्ट, अभयारण्य सधन घने जंगलों और दुर्लभ जीव जंतुओं, पशुओं, पक्षियों को देखने, उनके खुले में विचरण भी आकर्षण के केंद्र रहे हैं इन सबको पुनः प्रस्तुत करने का प्रयास मंदसौर जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद ने किया है।
पुरातत्व संग्रहालय मंदसौर, भानपुरा, हिंगलाजगढ़, आदि स्थानों पर बने हैं जहां सैंकड़ों दुर्लभ अद्वितीय शिल्प सज्जित प्रतिमाएं रखी हुई हैं।