Russia Nuclear Drills: पुतिन की धमकी का असर, रूस ने शुरू किया परमाणु अभ्यास, जमीन- हवा से गरजीं मिसाइलें
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के परमाणु मिसाइलों को अलर्ट किए जाने के बाद रूसी नौसेना ने सबमरीन और जमीन से दागे जाने वाली मिसाइलों के साथ परमाणु अभ्यास शुरू किया है। पुतिन के यूक्रेन पर हमले के बाद से ही रूसी सेना ‘युद्ध के लिए तैयार’ स्थिति में है। रूस की नौसेना के उत्तरी फ्लीट ने बताया कि कई परमाणु सबमरीन को इस अभ्यास में शामिल किया गया है। इस दौरान तूफानी स्थिति में हमला करने का अभ्यास किया जा रहा है।
रूसी नौसेना ने कहा कि कई जंगी जहाजों को देश के पश्चिमोत्तर इलाके में स्थित कोला प्रायद्वीप की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई है, वे भी इसमें शामिल हो रही हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि घातक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल को गुप्त अभ्यास के दौरान साइबेरिया के इर्कूट्स्क इलाके से दागा गया है। हालांकि अभी रूसी रक्षा मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि यह अभ्यास देश के सामान्य परमाणु प्रशिक्षण गतिविधियों में बदलाव को बताता है।
नाटो देश उकसावे वाले बयान दे रहे हैं जो स्वीकार नहीं: रूस
इस पूरे इलाके में पूरे साल अब तक कई बार इस तरह के अभ्यास हो चुके हैं। यह परमाणु अभ्यास ऐसे समय पर हुआ है जब रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने कहा था कि सभी रूसी परमाणु सैनिकों के काम के घंटे को बढ़ा दिया गया है। इससे पहले पुतिन ने रूस की परमाणु सेना को हाई अलर्ट पर करने का आदेश दिया था। अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी और प्रशांत बेडे़ की रणनीतिक मिसाइल फोर्स और लंबी दूरी तक मार करने वाली एविएशन कमांड जंग में उतरने को तैयार है।
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इससे पहले रूस के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने आरोप लगाया था कि नाटो देश उकसावे वाले बयान दे रहे हैं जो स्वीकार नहीं है। इससे पहले अमेरिका और ब्रिटेन के नेताओं ने पुतिन के परमाणु हमले की धमकी को कमतर करके दिखाने की कोशिश की थी। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने कहा था कि पुतिन के आदेश के बाद रूस के परमाणु अवस्था में कोई बदलाव नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि पुतिन संभवत: दुनिया को यह दिखाना चाहते थे कि उनके पास प्रतिरोधक क्षमता है।
तीसरे विश्वयुद्ध का सता रहा है बड़ा डर
रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु बम हैं और इनकी संख्या 4 हजार से ज्यादा है। यूक्रेन में जारी भीषण जंग के बीच नाटो देशों के हथियारों की मदद और आर्थिक प्रतिबंध के बाद पुतिन भड़क गए थे। उन्होंने अपनी परमाणु सेना को हाई अलर्ट कर दिया था। इससे दुनियाभर में दहशत का माहौल बन गया है। वहीं कई लोगों को यह डर सता रहा है कि तीसरा विश्वयुद्ध न शुरू हो जाए।