Kharkiv News: खारकीव में क्लस्टर बम बरसा रही रूसी सेना, एक भारतीय छात्र की मौत, अभी भी फंसे हैं 3000 स्टूडेंट्स
मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, ‘बड़े दुख के साथ हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि आज सुबह खारकीव की गोलाबारी में एक भारतीय छात्र ने अपनी जान गंवा दी। मंत्रालय उसके परिवार के साथ संपर्क में है। हम परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।’ मृतक भारतीय छात्र का नाम नवीन शेखरप्पा था। रिपोर्ट्स कह रही हैं रूसी सेना खारकीव पर क्लस्टर बम और वैक्यूम बम जैसे विनाशकारी हथियार इस्तेमाल कर रही है।
खारकीव में फंसे 3 हजार भारतीय छात्र
इस खबर ने भारत की चिंता को इसलिए बढ़ा दिया है क्योंकि खारकीव में अभी भी तीन हजार भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। सोमवार को डेलीमेल ने एक वीडियो ट्वीट किया और कहा कि सैन्य सूत्र कह रहे हैं कि यह वीडियो खारकीव पर क्लस्टर बमों की बमबारी को दिखाता है, जिनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है। इतना ही नहीं अमेरिका में यूक्रेन के एक राजदूत ने दावा किया कि रूसी सेना खारकीव पर वैक्यूम बम से हमला कर रही है। राजदूत ने कहा कि उन्होंने (रूस) आज वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया, जिसका इस्तेमाल जिनेवा सम्मेलन के तहत निषेध है।
जल्द से जल्द कदम उठाए भारत सरकार
खारकीव रूस की सीमा से सिर्फ 40 किमी की दूरी पर स्थित है। इसलिए गुरुवार को हमला शुरू करने के कुछ ही समय बाद रूसी सैनिक खारकीव तक पहुंच गए। यहां तीन हजार भारतीय छात्र पढ़ते हैं जो इस वक्त बेहद बुरी हालत में फंसे हुए हैं। बीते दिनों खारकीव में फंसे भारतीय डॉक्टर स्वाधीन ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन को बताया था कि यहां फंसे भारतीय छात्रों की हालत बहुत खराब है। उन्होंने कहा था कि लोगों को खाने-पीने की बहुत दिक्कत है। वह छात्रों को खाना दे रहे हैं लेकिन खुद उनके पास एक या दो दिन का ही खाना बचा था। उन्होंने कहा था कि अगर भारत सरकार ने जल्द ही ऐक्शन नहीं लिया तो हमारे लिए हालत बहुत खराब होने जा रही है।
पश्चिमी सीमा से बेहद दूर का शहर
अब खारकीव में भारतीय छात्र की मौत ने यहां फंसे नागरिकों की चिंता को बढ़ा दिया है। मंगलवार को यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि सभी भारत नागरिक और छात्र आज ही कीव से बाहर निकल जाएं। खारकीव यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं से बहुत दूर है। इसलिए यहां से छात्रों को निकालना बहुत बड़ी चुनौती है। हवाई हमलों के बीच 1500 किमी पैदल चलकर रोमानिया सीमा तक पहुंचना संभव नहीं है।
खारकीव पर बरसे रहे क्लस्टर और वैक्यूम बम
रूसी सेना जिन वैक्यूम बमों का इस्तेमाल कर रही है, उसे थर्मोबेरिक हथियारों के रूप में भी जाना जाता है। वैक्यूम बम के धमाके में बेहद अधिक मात्रा में ऊर्जा निकलती है और तापमान इतना बढ़ जाता है कि इसकी जद में आने वाले शरीर भाप बन जाते हैं। वैक्यूम बमों को सबसे खतरनाक गैर-परमाणु हथियारों में से एक माना जाता है। वहीं क्लस्टर बम कई बमों का एक गुच्छा होता है। इन बमों को फाइटर जेट्स की मदद से गिराया जाता है। ये बम अपने टारगेट पर गिरने के बाद 25 से 30 मीटर के दायरे में तबाही मचा सकते हैं।

यूक्रेन में भारतीय छात्र की मौत (फाइल फोटो)