बिहारः शराबबंदी के मामलों से जूडिशियल सिस्टम पस्त, हाईकोर्ट भी कर रहा जमानत पर सुनवाई, SC ने नीतीश सरकार से किया जवाब तलब



पटनाः पटना हाईकोर्ट के 16 जज केवल शराब के मामलों से जुड़ी जमानत याचिकाओं की सुनवाई में व्यस्त है। सुप्रीम कोर्ट ने स्थिति की गंभीरता को देख राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

नीतीश सरकार के शराबबंदी के फैसले से बिहार की अदालतों के साथ सुप्रीम कोर्ट भी हलकान है। आलम ये है कि पटना हाईकोर्ट के 16 जज केवल शराब के मामलों से जुड़ी जमानत याचिकाओं की सुनवाई में व्यस्त है। सुप्रीम कोर्ट ने स्थिति की गंभीरता को देख राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि सरकार ने इस स्थिति के लिए पहले से क्या तैयारी की?

जस्टिस संजय किशन कौल व एमएम संदरेश की बेंच ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या उसने सूबे के न्यायिक ढांचे को लेकर कोई स्टडी की थी? क्या सरकार को पता था कि शराबबंदी के मामलों से अदालतों पर जो बोझ पड़ेगा उनके लिए मैनपावर उपयुक्त है? बेंच ने ये सवाल तब पूछा जब बिहार शराबबंदी से जुड़े मामले भारी तादाद में सुप्रीम कोर्ट में आने लग गए।

बेंच ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सुप्रीम कोर्ट की लगभग हर बेंच बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम से पैदा होने वाली याचिकाओं से निपट रही है, इसलिए यह जानना अनिवार्य हो गया है कि क्या सरकार ने कानून से पहले कोई अध्ययन कर बुनियादी ढांचे को बदलाव के अनुसार मजबूत किया था?

एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल केवल दस महीने के अंदर बिहार में करीब 50 हजार लोगों को शराब मामले में जेल भेजा गया था। इसकी संख्या में अब और बढ़ोतरी हो गई है। हाल में ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने भी शराबबंदी कानून को लेकर सरकार के ऊपर सवाल खड़े किए थे। शराब से जुड़े मामलों में जेलों में बढ़ रही कैदियों की संख्या और अदालतों में शराब से जुड़े मामले में जमानत याचिकाओं की बढ़ी संख्या पर सर्वोच्च अदालत ने चिंता जाहिर की थी।

जेल नहीं जाना पड़ेगा बशर्ते…

शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए नीतीश सरकार के निशाने पर शराब का सेवन करने वालों से ज्यादा अब शराब का कारोबार करने वाले तस्कर हैं। नए नियमों के तहत अगर कोई व्यक्ति शराब का सेवन करने के बाद पकड़ा जाता है तो वो जेल जाने से तब बच सकता है। बशर्ते वह शराब माफिया के बारे में पुलिस को जानकारी दे दे। यानी जहां से शराब खरीदी गई उसकी जानकारी देनी होगी। उसकी सूचना पर माफिया पकड़ा जाता है तो वह व्यक्ति जेल जाने से बच सकता है।

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