केंद्रीय मंत्री ने कहा – विदेश जाने वाले 90% मेडिकल के छात्र नीट में फेल हो जाते हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों को रेस्क्यू करने के लिए वायुसेना को भी जुड़ने का निर्देश दिया है। इसके लिए वायुसेना के C-17 विमान का उपयोग किया जाएगा।
यूक्रेन-रशिया के बीच युद्ध चल रहा है और इस युद्ध में यूक्रेन के साथ-साथ वहां रहने वाले दूसरे देशों के भी नागरिक और छात्र काफी परेशान हो रहे हैं। यूक्रेन में रह रहे विदेशी छात्र यूक्रेन से बाहर निकलने का प्रयास कर रहें हैं, जिसमें उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। भारत सरकार ने भी यूक्रेन से छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है, जिसके तहत छात्रों को सुरक्षित भारत वापस लाया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री का विवादित बयान: यूक्रेन-रशिया युद्ध पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक विवादित बयान दे दिया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विदेश में पढ़ने वाले 90% मेडिकल स्टूडेंट नीट एग्जाम पास नहीं कर पाते हैं। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि अभी इस मुद्दे पर बहस करने का सही वक्त नहीं है।
बता दें कि भारत के हजारों छात्र हर वर्ष मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में मेडिकल की पढ़ाई विदेशों की अपेक्षा महंगी है। विदेशों में एमबीबीएस की पढ़ाई 35 से 40 लाख के बीच पूरी हो जाती है जबकि भारत में इसके लिए करीब 50 लाख रुपए लगते हैं। भारत में मेडिकल की पढ़ाई के लिए NEET एग्जाम पास करना होता है और करीब 90 हजार मेडिकल की सीटें भारत में है।
ऑपरेशन गंगा शुरू: यूक्रेन में भारत के हजारों छात्र फंसे हुए हैं और सरकार ने इन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है। भारत सरकार यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों का भी सहारा ले रही है और यूक्रेन के पड़ोसी देश भारत की मदद कर रहे हैं। भारतीयों की सुरक्षित निकासी की निगरानी के लिए भारत सरकार ने 4 मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी हंगरी, वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया जाकर प्रबंधन देखेंगे। जबकि किरण रिजिजू स्लोवाकिया से और जनरल वीके सिंह पोलैंड से प्रबंधन देखेंगे।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए वायुसेना को भी जुड़ने के लिए कहा है। इसके लिए भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान यूक्रेन से भारतीय छात्रों को लाएंगे। बता दें कि नॉर्मल विमान में करीब 260 यात्रियों को लाया जा सकता है जबकि सी-17 विमान में एक साथ 400 यात्रियों को रेस्क्यू किया जा सकता है।