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भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र (Budget Session of MP Assembly) 7 मार्च से शुरू हो रहा है. इस सेशन में प्रदेश का बजट तो पेश किया ही जाएगा साथ ही डिप्टी स्पीकर (Deputy Speaker)  का भी चुनाव होना है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच ये प्रतिष्ठा और खींचतान का विषय बना हुआ है. कमलनाथ सरकार के समय कड़वे अनुभव से गुजरी बीजेपी अब अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष पद भी अपने पास रखना चाहती है. लेकिन कांग्रेस अपना किया हुआ भूलकर पुरानी परंपरा याद दिला रही है.

मध्य प्रदेश में डिप्टी स्पीकर के पद के लिए फिर से खींचतान शुरू हो गई है. 7 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र से पहले विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर को स्थाई करने की मांग शुरू कर दी है. विपक्ष ने पुरानी परंपरा के तहत डिप्टी स्पीकर का पद कांग्रेस को देने की मांग की है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि बजट सत्र से पहले डिप्टी स्पीकर का नाम तय होना चाहिए. विधानसभा की परंपरा के तहत डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के खाते में जाता है और ऐसे में सत्ता पक्ष को जल्दी डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने पर सहमति देना चाहिए. तत्कालीन कमलनाथ सरकार में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का पद सत्ता पक्ष के पास रखने के सवाल पर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा उस समय के हालातों के कारण वो फैसला हुआ था. लेकिन विधानसभा की पुरानी परंपरा को दोबारा कायम करने की जरूरत है.

बिना डिप्टी स्पीकर के कार्यवाही

मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही करीब 2 साल से बिना डिप्टी स्पीकर के चल रही है. जुलाई 2020 में रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था. उसी दौरान कोरोना काल शुरू हो गया और वो 8 महीने तक इस पद पर बने रहे. लेकिन उस समय भी विधानसभा में उपाध्यक्ष पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हुई थी. इसके बाद गिरीश गौतम को विधानसभा स्पीकर बनाया गया. गौतम भी अपना 1 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं लेकिन करीब 2 साल बीतने के बाद भी विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का पद खाली है. ऐसे में अब फिर खींचतान तेज होती हुई नजर आ रही है. हालांकि बीजेपी का कहना है कांग्रेस ने पुरानी परंपरा तोड़ दी थी. उसने दोनों पद अपने पास रख लिए थे.

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कमलनाथ सरकार की परंपरा कायम रखेगी सरकार?

अब उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाएगा इस पर संशय है. सत्ता पक्ष उपाध्यक्ष पद के लिए जल्द कोई फैसला कर सकती है. अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है. इस बार का बजट सत्र पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए अहम है. विपक्ष चाहता है कि खुद को मजबूत बनाने के लिए विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का पद उसके खाते में आए. लेकिन सत्ता पक्ष कमलनाथ सरकार में बदली गई व्यवस्था को ही फिलहाल जारी रखने के मूड में है. यही कारण है कि अब तक विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का नाम तय नहीं हो पा रहा है. ऐसे में अब देखना यह होगा कि अगले बजट सत्र में विधानसभा को नया डिप्टी स्पीकर मिल पाता है या फिर अगले चुनाव तक सिर्फ स्पीकर के सहारे ही विधानसभा की कार्यवाही चलती रहेगी.

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