Russia Ukraine Attack: कीव में हिटलर को भी मात दे चुकी है रूसी सेना, यूक्रेन में फेल नहीं हो रहे हैं पुतिन, समझें पूरी रणनीति
यूक्रेन में रूसी हमले का आज छठवां दिन है और पुतिन की सेना ने राजधानी कीव को चौतरफा घेर लिया है। कीव पर कब्जा करने के लिए रूस की सेना की ओर से अब जोरदार हमले किए जा रहे हैं। आलम यह है कि रूस ने सूमी इलाके में यूक्रेन के पूरे सैन्य अड्डे को ही तबाह कर दिया गया है। यही नहीं कीव की ओर जाने वाले रास्ते में 64 किलोमीटर तक बस रूसी सैनिक, उनके टैंक, तोपें, रॉकेट लॉन्चर ही दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका समेत कई देशों का दावा है कि पुतिन का यूक्रेन मिशन फेल हो गया है लेकिन विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं। आइए समझते हैं….
यूरोपीय सैन्य एजेंसी के एक विश्लेषक ने एशिया टाइम्स वेबसाइट से कहा, ‘रूसी जल्दीबाजी में नहीं हैं। वे हमला करेंगे और यूक्रेनी सेना को कई खंडों में बांट देंगे। इसके बाद वे यूक्रेनी सेना को या तो बातचीत के लिए कहेंगे या फिर उनकी हत्या कर देंगे। यह जंग की परंपरागत रणनीति है।’ रूस की ओर से यूक्रेन की 3 जगहों पर घेरेबंदी चल रही है। पहली दक्षिण में चल रही है जहां पर मरिउपोल के पश्चिमी में रूसी सैनिक आगे बढ़ रहे हैं। यह शहर दोनबास इलाके का सबसे बड़ा शहर है जिसे हाल ही में रूसी सेना ने मान्यता दी है।
जानें किस रणनीति पर बढ़ रही है रूस की सेना
रूसी सेना का जत्था उत्तर की ओर मरिउपोल और मयकोलैवका को जोड़ने वाले 70 किमी लंबे हाइवे के पश्चिम में बढ़ रहा है। दोनबास में रूसी सेना भारी हथियारों से लैस यूक्रेन की सेना को लाइन ऑफ कंट्रोल को बाइपास रही है। इससे अब यूक्रेनी सेना पर पीछे से हमले का खतरा मंडरा रहा है। उधर, रूस की सेना ने कीव को पहले ही घेर रखा है। कीव के मेयर से जब रूसी सेना के कब्जे के बाद नागरिकों को निकालने की योजना के बारे में कहा गया तो वह कुछ सेकंड के लिए खामोश हो गए।
कीव के मेयर ने कहा, हम यह नहीं कर सकते हैं क्योंकि सभी रास्ते अब ब्लॉक हो गए हैं। अभी हम फिलहाल चारों ओर से घिर गए हैं। गूगल मैप से पता चला है कि राजधानी के नजदीक का रास्ता बंद हो गया है जो डनिइपर नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। माना जा रहा है कि रूस की कोशिश है कि कम से कम आम नागरिक मारे जाएं, नहीं यह पुतिन के लिए राजनीतिक रूप से ठीक नहीं होगा। साथी रूस यह भी प्रयास कर रहा है कि उसे यूक्रेन की सेना के मोर्चों पर आमने सामने से हमले करने से बच रही है और शहरों में गलियों के अंदर जंग लड़ने से बच रही है।
हिटलर की सेना ने कीव में किया था भीषण हमला
इसकी बजाय रूस की सेना इस रणनीति पर काम कर रही है कि यूक्रेन की सबसे अच्छी सेना को फिर से हथियारों की सप्लाई से काट दिया जाए और बाद में उन्हें रूस के साथ बातचीत की मेज पर अपनी शर्तों के साथ मनवाया जा सके। रूस की सेना इस पूरे रास्ते और रणनीति को बहुत अच्छे से जानती है। दूसरे विश्वयुद्ध के समय यूक्रेन ने युद्धों के इतिहास की सबसे बड़ी घेराबंदी का सामना किया था। साल 1941 में रूस के दक्षिणी पश्चिमी मोर्चे पर जर्मनी के हमले के पहली लड़ाई कीव में ही हुई थी। इसमें 7 लाख रूसी लोग मारे गए थे। बाद में रूसी सेना ने फिर से इस शहर पर कब्जा कर लिया था।

यूक्रेन में बड़ी रणनीति पर काम कर रही है पुतिन की सेना