Ukraine-Russia War: भारतीय छात्रों ने बताया – यूक्रेन में हमें मार रहें हैं
भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया है। साथ ही सरकार ने चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला किया है।
यूक्रेन में संघर्ष बढ़ने के साथ ही युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे गुजरात के कई छात्रों ने बताया कि उन्हें दूतावासों द्वारा निकासी के लिए सलाह दी गई और बाद में चेक पॉइंट से वापस लौटा दिया गया। यूक्रेन और पोलैंड के बीच Shehyni-Medyka सीमा पर कुछ भारतीय छात्र 72 घंटे से अधिक समय से फंसे हुए हैं, जिन्हें निकासी के लिए निकाला गया है।
वडोदरा के एक छात्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, “हम शुक्रवार शाम से कड़ाके की ठंड में इंतजार कर रहे हैं और यूक्रेन के सीमा रक्षक हमें पोलैंड जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। उन्होंने लड़कियों और लड़कों को अलग कर दिया है। कुछ लड़कियों को 40 घंटे बाद जाने की इजाजत दी गई, लेकिन उसके बाद एक भी भारतीय को जाने की इजाजत नहीं दी गई। वे भारतीय छात्रों को मार रहे हैं और लात मार रहे हैं, जो सवाल पूछ रहे हैं और हमें हमारे विश्वविद्यालयों में वापस जाने के लिए कह रहे हैं। हममें से कुछ घायल भी हुए हैं।”
वडोदरा की ज्ञानीषा पटेल जिन्होंने रविवार को अपनी सहेली के साथ Shehyni चेक पोस्ट पार किया, उन्हें सोमवार शाम तक यूक्रेन से बाहर निकलने में करीब 36 घंटे लग गए। ज्ञानिषा ने बताया कि, “हमें चेक पोस्ट पार करने की अनुमति देने के बाद भी इंतजार करने के लिए कहा गया। बाहर निकलने के लिए वे हमारे पासपोर्ट पर मुहर लगाने को तैयार नहीं थे। हम अब पोलैंड पहुंच गए हैं और भारतीय दूतावास से आगे के निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यूक्रेन में हमारे मित्र जोखिम में हैं और हम उनके बारे में चिंतित हैं।”
यूक्रेन की राजधानी कीव में वडोदरा के एक चौथे वर्ष के मेडिकल छात्र ने कहा कि, “भारतीय दूतावास से सलाह के बाद छात्रों ने यूक्रेन छोड़ने का फैसला किया है। हालांकि हम भी डरे हुए हैं। हमने सुना है कि अन्य सीमाओं पर भारतीय छात्रों पर हमले हुए हैं।”
भारत सरकार ने यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया है। साथ ही भारतीयों की सुरक्षित निकासी की निगरानी के लिए भारत सरकार ने 4 मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी हंगरी, वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया जाकर प्रबंधन देखेंगे। जबकि किरण रिजिजू स्लोवाकिया से और जनरल वीके सिंह पोलैंड से प्रबंधन देखेंगे।