मंकीपॉक्स का नाम Mpox होने का बड़ा कारण है; नया नाम के बाद बदल देंगे इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स का नाम क्यों बदला गया? नया नाम Mpox देने से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक लोकतांत्रिक से कई बार बातचीत की थी। क्योंकि, इस साल मंकीपॉक्स का प्रकोप फैलने के बाद कई देशों और समुदायों में नस्लभेदी और अपमानजनक शब्दों के मामले देखे गए थे। ये सभी मामले मंकीपॉक्स बीमारी के नाम से जुड़े थे और कई देशों ने इसका नाम बदलने की अपील की थी।
पहले क्यों दिया गया था मंकीपॉक्स नाम?
1970 में पहली बार बंदरों के अंदर यह वायरस मिला था। जिस वजह से इस वायरस का नाम मंकीपॉक्स दिया गया था। उस वक्त तक किसी बीमारी या वायरस के नाम के नियम-कायदे जारी नहीं हुए थे। यह नियम-कायदे वर्ष 2015 में प्रकाशित हुए थे।
एक साल तक चलता रहेगा मंकीपॉक्स

विस्तृत ने बताया कि मंकीपॉक्स शब्द का चलन अभी एक साल तक जारी रहेगा। यह फैसला इसलिए लिया गया है, ताकि जानकारों और लोगों के बीच किसी तरह का भ्रम या झंझट न पैदा हो। मंकीपॉक्स का यह पर्यायवाची शब्द धोखाडी-10 में कुछ दिनों में शामिल किया जाएगा।
नाम कौन रखता है?

किसी बीमारी या वायरस का नाम रखना या बदलने की जिम्मेदारी अंतर्राष्ट्रीय कक्षा योग्यता डीजीज (आईसीडी) के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय स्वस्थ संबंधित कक्षा की सदस्यता का समग्र परिवार (WHO-FIC) के पास है। येएं किसी भी संस्था को किसी भी नाम से जुड़े सदस्यों से पर्याप्त बातचीत करने के बाद ही रख सकते हैं।
नहीं बदले मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स का नाम एमपॉक्स रखने के पीछे सिर्फ नस्लभेदी और अनोखा अनोखा कारण था। इसके लक्षणों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मंकीपॉक्स के लक्षण पहले जैसे ही हैं और यही संकेत अब एम्पॉक्स के लक्षण (Mpox Symptoms in hindi) कहलाएंगे।
Mpox के लक्षण

एमपॉक्स वायरस पहचान होने के 5 से 21 दिन बाद तक इसके लक्षण दिखना शुरू हो सकते हैं। WHO के मुताबिक, निम्नलिखित खतरनाक इसके संकेत हो सकते हैं।
- बुखार,
- गंभीर सिरदर्द
- काम का दर्द
- तंत्रिक में सूजन
- ऊर्जा की कमी
- शरीर पर रैशेज होना
- चटाई-तलवे पर दाने आना
- चेहरे, पैर और कमर पर दांव-मोटे दाने आना
- दानों में पास भरना, आदि
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।