चिंपाजी से आया था HIV; इस घरेलू चीज के लगने से भी होता है एड्स, लुक हैं ये शुरुआती लक्षण
एचआईवी/एड्स: एड्स कैसे होता है?
लोगों को एचआईवी/एड्स (एक्वायर्ड शाकाहारी डेफिशिएंसी सिंड्रोम) के बारे में कम जानकारी है। एचआईवी वायरस शरीर में मौजूद सीडी4 सफेद रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। जब ये सफेद रक्त प्राप्तकर्ता 500-1600 प्रति क्यूबिक टैरिफ से 200 प्रति क्यूबिक व्यापार या उससे नीचे पहुंच जाते हैं, तो एड्स बन जाता है।
1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है
हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (विश्व एड्स दिवस 2022) इसे मनाया जाता है, लोगों को यह जानलेवा बीमारी के बारे में सचेत किया जाता है। हेल्थलाइन के मुताबिकएचआईवी वायरस डीएनए की अणु में प्रवेश करता है और इसे शरीर से पूरी तरह खत्म करने वाली कोई दवा या उपचार मौजूद नहीं है।
संक्रमण और कैंसर हो जाते हैं

एचआईवी/एड्स के कारण एक वक्त ऐसा आता है, जब रोगी की रोग संबंधी क्षमता बहुत अधिक कमजोर हो जाती है। शरीर इसके कारण संक्रमण और अन्य बीमारियों से नहीं लड़ता। ऐसे में खतरनाक संक्रमण और कई कैंसर का खतरा बढ़ रहा है।
ये घरेलू चीजें बनती हैं एड्स का कारण

घर में मौजूद कपड़े सील की सुई और दाढ़ी बनाने वाले ब्लेड से सहायक हो सकते हैं। इसलिए इन चीजों को किसी भी व्यक्ति से साझा नहीं करना चाहिए। क्योंकि पर्याप्त सुई या ब्लेड से रक्तपात पर वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है।
चिंपांजी को एड्स हो गया था

हेल्थलाइन के मुताबिकएड्स का कारण अफ्रीकी चिंपांजी में पाए जाने वाले एक वायरस का ही रूप है। वैज्ञानिक कहते हैं कि चिंपांज़ी खाने से यह सिमियन दृष्टिकोण डेफ़िशिएन्सी वायरस (SIV) इंसानों में आ जाएगा। कंप्यूटर में घुसने के बाद यह वायरस वैसी ही बन गया।
एचआईवी के शुरुआती लक्षण

चूंकि एड्स की शुरुआत एचआईवी से होती है, इसलिए इसके लक्षणों को ही एड्स के शुरुआती लक्षण कहा जाएगा। जो कि हल्कापन से लेकर गंभीर और देखने-जाने वाले हो सकते हैं।
- बुखार
- ठंड लगना
- तंत्रिक में सूजन
- शरीर में दर्द होना
- त्वचा पर रैश पड़ना
- गले में सूजन
- सिरदर्द
- जी मिचलाना
- पेट खराब रहना, आदि
एड्स के लक्षण क्या हैं?

हेल्थलाइन के मुताबिक, एड्स के मरीजों में कई सारे खतरनाक परिणाम सामने आते हैं। जैसे-
- बार-बार बुखार आना
- लंबे समय से बगल में, गर्दन और जांघ के रोमछिद्रों में सूजन
- हमेशा थकान रहना
- रात में पसीना आना
- त्वचा के नीचे, मुंह-नाक या पलकों के नीचे गहरा दाग होना
- मुंह, जीभ, फैला या लिंग में घाव-जख्म होना
- त्वचा पर रोक, दाने या रैशेज
- बार-बार डायरिया होना
- तेजी से वजन घटना
- सोचने, याद करने और ध्यान लगाने में परेशानी होना
- चिंता और अवक्रमणआदि
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।