शादीशुदा पुरुषों के लिए बेहद लाभ हैं ये खास योगासन, दावेदार हैं फर्टिलिटी
जन्म से जुड़ी इस तरह की समस्या होने पर लोग तरह-तरह के उठाए का सहयोग लेते हैं, लेकिन आप क्या हैं प्रजनन क्षमता की समस्या को दूर करने में योग काफी हद तक हमारी मदद कर सकते हैं? जी हां, कुछ ऐसे योगासन मौजूद हैं जो हमारे ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने में मदद करते हैं। योग को सदियों से स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है, यही कारण है कि शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे रोजाना करने की सलाह देते हैं।
योग के अंतर्राष्ट्रीय जनरल इसके अनुसार योग की मदद से तनाव दूर होता है साथ ही इससे प्रोस्टेट ग्लैंड और ओवरी रिलेटेड प्रॉब्लम भी दूर हो सकती है। इससे पुरुषों को अपनी फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। ऐसे में अगर योग को अगर जीवन का हिस्सा बना लेते हैं तो यह समस्या जल्द से जल्द मिल सकती है। यहां हम ऐसे ही 6 योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो पुरुषों के साथ महिलाओं की जन्म क्षमता में भी सुधार करने में मदद करते हैं।
पश्चिमोत्तानासन (पश्चिमोत्तानासन)
आसन को करने से बॉडी के ऊपरी और निचले हिस्से की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है। इससे हैमस्ट्रिंग मसल्स में रक्त परिसंचरण के साथ फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ती है। लोअर बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाने की वजह से संबंध संबंधी परेशानी होती हैं। यह इस योगासन से दूर होता है। इसी के साथ आमाशय के सामान्य अंगों का भी मति होता है। जिससे बॉडी भी फिट रहती है।
उत्तानासन (उत्तानासन)

यह योगासन भी पश्चिमोत्तानासन की तरह है, बस इस आसन को व्यक्त किया जाता है। इस आसन का पहला अभ्यास करने से एकरूपता में रक्त स्राव के साथ ऑक्सीजन का प्रवाह भी बढ़ रहा है। निचला शरीर की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है। यह आसान शरीर में स्थिरता संतुलन बनाने में भी काफी मदद करता है।
बालासन (बालासन)

पुरुषों में फर्टिलिटी बढ़ाने वाले बालासन को भी काफी हद तक हानिकारक माना जाता है। इसके निर्माण से अंगों में रक्त का सर्कुलेशन तेज हो जाता है। यह आसान पैर, घुटनों, कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों को फैलाने के साथ वहां पर ब्लेड को सही तरीके से पहुंचने का काम करता है। इससे तनाव को दूर करने में भी मदद मिलती है।
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar)

सूर्य नमस्कार से हमारे शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। इसमें कई आसान की क्रिया पाई जाती है, जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर काम करती है। इसके कुछ तरीके जहां फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में मदद करता है, तो कुछ सृजन क्षमता बढ़ाने में भी सिल्वर होता है। इसकी मदद से तनाव कम कर खुद को फिट रखा जा सकता है।
भुजंगासन (भुजंगासन)

इस योगासन का अभ्यास करने के दौरान हिप एरिया में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। जिससे पैदाइशी क्षमता बढ़ती है, मोटापा भी तेजी से कम होता है जो कई बीमारियों की जड़ होता है। कमर और पीठ दर्द में भी राहत मिलती है। इस आसान से फ्लैक्सिबिलिटी को बढ़ा कर उसे मजबूत बनाया जा सकता है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।