नशे से जोड़ों के दर्द ने कर दिया था हाल खराब, जानें 36 की उम्र में घर पर 28 किलो कम करने वाले वेट की वेट लॉस स्टोरी
टर्निंग पॉइंट कब आया
डॉ सुनीला बताते हैं कि जब मेरा वजन बढ़ रहा था तब तक मेरा झुकाव नहीं हुआ जब तक मेरे घुटने और काम में दर्द नहीं हुआ। जब यह दर्द के साथ बढ़ता जा रहा है तो मुझे इसकी वजह से मेरा मोटापा लगता है। जिसका अभी कुछ नहीं किया तो परेशानियां और बढ़ती जाएंगी। यही वह समय था जब मैंने अपना वेट लॉस जर्नी शुरू किया।
कैसी रही डाइट

1.नाष्टा-
1 चम्मच चश्मा विनेगर, घिसना2 ग्राम, ओट्स, बादाम
2.दोपहर के भोजन-
हरी सब्जी, घी, दही, दाल, रोटी/चावल
3.रात का खाना-
हरी सब्जी, घी, सोया बड़ी, रोटी/चावल
4.प्री-वर्कआउट मील-
काली कॉफी
5.पोस्ट-वर्कआउट मील-
प्रोटीन शेक, केला
6. लो कैलोरी रेसिपी
टमाटर, प्याज, दही, मसाले जैसे हल्दी, धनिया, जीरा, कस्तुरी मेथी से तैयार सोया बड़ी रेसिपी।
वर्कआउट रिजीम

सुनील कभी जिम नहीं गए। वे अपने वजन को कम करने के लिए लो कैलोरी फूड के साथ बैलेंस्ड डाइट लेते हैं, 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेते हैं और रोज 10 हजार कदम पैदल चलते हैं। इसके अलावा वह रोज 4-5 लीटर पानी पीते थे।
वर्कआउट और फिटनेस सीक्रेट-

डॉ सुनीला बताते हैं कि मेरी फिटनेस का रहस्य कंसिस्टेंसी है। मेरी एक साल की वेट लॉस जर्नी में मैं बिना रिजल्ट की परवाह किए जा रहा हूं। इसके साथ ही मैंने अपनी पसंद का खाना या तला भूना खाना बिल्कुल कम कर दिया। वजन कम करने के दौरान मैंने सिर्फ घर पर खाना बनाया।
अधिक वजन के कारण किन्हीं साधारण का सामना करना पड़ा

ओवरवेट ने सुनील के जोड़ों को कमजोर कर दिया था। वह दावा करते हैं कि वजन बढ़ने के साथ ही मेरे पैरों और घुटनों में काम करने लगा। लेकिन वज़न कम होने के लगभग 8-10 महीनों के बाद से लोगों को कोई दर्द महसूस नहीं हुआ।
खुद को कैसे मोटिवेट रखा?

डॉ सुनील इस सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि मेरा बेटा समन्यू मेरे वेट लॉस जर्नी का मोटिवेशन रहा जो मुझे बार-बार यह कहता रहता है कि पापा आपको हल्क (हल्क) की तरह एब्स बना रहे हैं। इतना ही नहीं मेरा बेटा रोज मेरे साथ वर्कआउट भी करता है।
लाइफस्टाइल में क्या बदलाव किए गए हैं?

सुनील बताते हैं कि फिट रहने के लिए उन्होंने शरीर की जरूरत के हिसाब से खाना शुरू किया। कम कैलोरी वाले भोजन के साथ पर्याप्त नींद, शरीर को टाइट रखना और नियमित शारीरिक गतिविधि सुनिश्चित करना।
खुद के वेटलॉस से क्या सीखने को मिला?

मैं अपरिवर्तित हूं कि शरीर का फिट रहना बहुत जरूरी है। आज जब मैं शारीरिक रूप से बेहतर स्थिति में हूं तो मुझे किसी तरह के बॉडी पेन का अनुभव नहीं होता है। साथ ही अब में अनुमान की वजह से सकल जोखिम से भी दूर हो गया हूं।
डिस्क्लेमर : लेखक के लिए जो चीजें काम आई हैं वह जरूरी नहीं है कि आपके लिए भी काम करें। तो इस लेख में बताए गए डाइटिंग-वर्कआउट को आंख मुंडकर फॉलो करने से बचें और पता करें कि आपके शरीर के लिए सबसे अच्छा क्या काम करता है।
यदि आपके पास भी ऐसी ही वेट लॉस से जुड़ी अपनी कहानी है, तो हमें nbtlifestyle@timesinternet.in पर औपचारिक।